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स्टाफ व यात्रियों को मिलेगा लाभ
आग्रह. रेल पहिया कारखाना प्रशासन ने की डीएमयू ट्रेन चलाने की मांगरेल पहिया कारखाना बेला दरियापुर में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए कारखाने तक लाने के लिए विशेष डीएमयू ट्रेन चलाने का आग्रह कारखाना प्रशासन ने रेलवे बोर्ड से किया है. कारखाना प्रशासन ने बोर्ड से किये गये आग्रह में पाटलिपुत्र से नयागांव […]
आग्रह. रेल पहिया कारखाना प्रशासन ने की डीएमयू ट्रेन चलाने की मांगरेल पहिया कारखाना बेला दरियापुर में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए कारखाने तक लाने के लिए विशेष डीएमयू ट्रेन चलाने का आग्रह कारखाना प्रशासन ने रेलवे बोर्ड से किया है. कारखाना प्रशासन ने बोर्ड से किये गये आग्रह में पाटलिपुत्र से नयागांव के रास्ते छपरा स्टेशन तक विशेष डीएमयू चलाने की बात कही है. डीएमयू की एक जोड़ी ट्रेन में एक को सुबह में पाटलिपुत्र से आने व दूसरे को शाम में पाटलिपुत्र वापस ले जाने की बात कही गयी है.
दिघवारा : कारखाना प्रशासन का मानना है कि अगर ड्यूटी के समय में पाटलिपुत्र से छपरा तक डीएयू ट्रेन चलायी जायेगी, तो कारखाने के सैकड़ों कर्मचारी समय पर ड्यूटी कर सकेंगे. वहीं इस ट्रेन का लाभ अन्य हजारों यात्री भी प्रतिदिन उठा सकेंगे. कारखाने का भेजा गया प्रस्ताव अभी रेलवे बोर्ड में विचाराधीन है और अब तक कारखाना प्रशासन के इस आग्रह पर बोर्ड ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
पटना, हाजीपुर व छपरा से आते हैं स्टाफ : कारखाने में शिफ्ट में कार्यरत स्टाफ को लाने के लिए प्रतिदिन चार बसें चलती हैं. तीन बसों से पटना व हाजीपुर से स्टाफ आते हैं, वहीं एक बस से छपरा से कर्मचारी आते हैं. इन चार बसों का खर्च कारखाना प्रशासन वहन करता है. इन बसों से आनेवाले कर्मचारियों के अलावा लगभग दो सौ स्टाफ भी प्रतिदिन प्राइवेट वाहनों से आते हैं. ट्रेन की शुरुआत होने से कारखाना द्वारा वाहनों पर होने वाले खर्च बचेगा, वहीं कर्मचारी भी आसानी से ड्यूटी कर सकेंगे और पटना पुल के जाम से भी मुक्ति मिलेगी.
सैकड़ों स्टाफ को आने-जाने में होगी सहूलियत : कारखाने के लगभग 900 स्टाफ में से अधिकतर पटना से आते हैं क्योंकि कारखाने का स्टाफ कॉलोनी अब तक बन कर तैयार नहीं हुई है, जिस कारण स्टाफ के कारखाने के आसपास के शहरों में रहने की विवशता है.वहीं पटना से आनेवाले अधिकतर लोगों को बराबर महात्मा गांधी सेतु के जाम से गुजरना पड़ता है. इसलिए ट्रेन के शुरू होने से रेलकर्मियों को पटना पुल के जाम से मुक्ति मिलेगी और कारखाना पहुंचने में वक्त भी कम लगेगा.
कर्मचारियों के पहुंचने पर ही दूसरा हो पाता है रिलीव : रेल पहिया कारखाने में दो नियमित शिफ्ट के अलावा रात्रि शिफ्ट में भी काम चलता है. लिहाजा जब तक दूसरी शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी नहीं पहुंचते हैं, तब तक पहली शिफ्ट में काम करने वाले कर्मी रिलीव नहीं हो पाते हैं. गांधी सेतु पर लगने वाला जाम कारखाने के रेलकर्मियों के लिए बराबर सिर दर्द बनता है.
स्टाफ कॉलोनी बनने में भी लगेगा समय : कारखाने में कार्यरत स्टाफ के लिए कारखाना परिसर में ही स्टाफ कॉलोनी बनायी जा रही है, जिसके पूरा होने में अभी लगभग दो साल का वक्त लगेगा. लिहाजा अगले दो साल तक कारखाना कर्मियों को कारखाना परिसर से ही बाहर रहने की विवशता होगी.ऑफिसर्स कॉलोनी का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कारखाना के कर्मियों के आवागमन की सुविधा के लिए ड्यूटी अवधि में विशेष डीएमयू ट्रेन चलाने का आग्रह पिछले दिनों कारखाना प्रशासन ने बोर्ड से किया है, मगर इस पर बोर्ड ने कोई निर्णय नहीं लिया है. सुबह में पाटलिपुत्र से छपरा तक डीमयू ट्रेन चलेगी, तो रेलकर्मियों के साथ यात्रियों को भी इसका लाभ मिलेगा.जब तक कारखाना परिसर में स्टाफ कॉलोनी बन नहीं जाती है, तब तक स्टाफ को बाहर से आने की विवशता होगी.
उग्रसेन, मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, रेलपहिया कारखाना, बेला,सारण
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