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रंजीत को रिमांड पर धनबाद ले जाने का मिला आदेश

सोहैल हिंगोरा अपहरण मामले में आरोपित है रंजीत छपरा (कोर्ट) : गुजरात के अरबपति व्यवसायी पुत्र सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में आरोपित एवं गिरफ्तार नयागांव थाना क्षेत्र के चतुरपुर निवासी रंजीत कुमार सिंह को झारखंड ले जाने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी होने की संभावना है. झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत बड़वा अड्डा थाने […]

सोहैल हिंगोरा अपहरण मामले में आरोपित है रंजीत
छपरा (कोर्ट) : गुजरात के अरबपति व्यवसायी पुत्र सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में आरोपित एवं गिरफ्तार नयागांव थाना क्षेत्र के चतुरपुर निवासी रंजीत कुमार सिंह को झारखंड ले जाने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी होने की संभावना है. झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत बड़वा अड्डा थाने के सहायक अवर निरीक्षक रामाशीष सिंह ने थाना कांड संख्या 160/13 में रिमांड पर लेने के लिए एक आवेदन प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अरविंद के न्यायालय में समर्पित किया है.
आवेदन में सहायक अवर निरीक्षक श्री सिंह ने न्यायिक पदाधिकारी से अनुरोध किया है कि सोहैल हिंगोरा अपहरण मामले में आरोपित रंजीत बड़वा अड्डा थाने में 364 ए मामले में आरोपित है, जिसे प्रथम श्रेणी न्यायिक पदाधिकारी अनूप तिर्की के न्यायालय में प्रस्तुत करना आवश्यक है. न्यायिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, न्यायिक पदाधिकारी ने आवेदक को स्वीकार कर लिया है. इसमें रंजीत का धनबाद जाना अब निश्चित हो गया है. ज्ञात हो कि चार जुलाई को सहायक अवर निरीक्षक ने न्यायिक पदाधिकारी शक्तिधर भारती ने न्यायालय में भी रंजीत को रिमांड पर ले जाने के लिए आवेदन दिया था, जिसे न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है.
रंजीत का सोहैल हिंगोरा अपहरण मामला 111/13 इसी न्यायालय में लंबित है. परंतु, एक अन्य मामला, जो नयागांव थाने की कांड संख्या 109/13 है, जो न्यायिक पदाधिकारी अरविंद के न्यायालय में लंबित है, इस वजह से वहां से भी रिमांड का आदेश लेना पड़ा है. दोनों न्यायालयों से आदेश प्राप्त हो जाने की वजह से धनबाद पुलिस रंजीत को अपने साथ धनबाद ले जायेगी.
छपरा (कोर्ट) : मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में हुए हादसा मामले में सोमवार को गवाही नहीं हो सकी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी के न्यायालय में गवाही होने की तिथि तय थी, परंतु, विधि मंडल के एक अधिवक्ता की अचानक मौत हो जाने के कारण अधिवक्ताओं द्वारा अपने को न्यायालीय कार्य से अलग कर लेने की वजह से गवाही नहीं हो सकी.
हालांकि साक्ष्य होनी थी, इसको लेकर गंडामन मामले में आरोपित बनायी गयीं विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी तथा दूसरे आरोपित अजरुन राय न्यायालय में प्रस्तुत हुए. न्यायाधीश ने दोनों की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ाते हुए उन्हें मंडल कारा भेजे जाने का आदेश दिया.

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