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Saran News : मॉर्निंग शिफ्ट का पहला दिन : 30 से 40 फीसदी कम रही उपस्थिति

सोमवार से सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूल मॉर्निंग सत्र में चलने लगे हैं. पहले दिन स्कूलों में जहां बच्चे ऊंघते हुए स्कूल पहुंचे वहीं कई शिक्षक भी स्कूल में विलंब से पहुंचे. बच्चों की उपस्थिति पहले दिन काफी कम रही. इसका कारण रहा की काफी बच्चों को जानकारी नहीं थी और जिनको जानकारी थी वह अपने रूटीन से थोड़ा इतर दिखे.

छपरा. सोमवार से सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूल मॉर्निंग सत्र में चलने लगे हैं. पहले दिन स्कूलों में जहां बच्चे ऊंघते हुए स्कूल पहुंचे वहीं कई शिक्षक भी स्कूल में विलंब से पहुंचे. बच्चों की उपस्थिति पहले दिन काफी कम रही. इसका कारण रहा की काफी बच्चों को जानकारी नहीं थी और जिनको जानकारी थी वह अपने रूटीन से थोड़ा इतर दिखे. डे स्कूल की आदत थी इसलिए रूटीन में सब कुछ गड़बड़ हो चुका था.

शिक्षक और बच्चे दोनों परेशान दिखे

स्कूलों का समय बदलने पर शिक्षकों और बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. स्कूलों का समय सात अप्रैल से ग्रीष्मावकाश तक सभी प्रारंभिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय मार्निंग शिफ्ट मे सुबह 6:30 से दोपहर 12:30 बजे तक क्लास चल रहे हैं. नये समय सारणी के मुताबिक 6:30 बजे से 7:00 तक प्रार्थना हो रही है. 7:00 बजे से 7:40 बजे तक पहली घटी 7:40 से 8:20 तक दूसरी पिरीयड, 8:20 से 9:00 बजे तक तीसरा, इसके बाद 9 से 9:40 बजे तक लंच, 9:40 से 10:20 तक चौथी घंटी की पढ़ाई हो रही है. 10:20 से 11:00 बजे तक पांचवां, 11 से 11:40 तक की छठी घंटी चल रही है. 11:40 से 12:20 सातवीं घंटी की पढ़ाई हो रही है.12:20 से 12:40 तक छात्रों के अगले दिन के लिए कार्ययोजना एवं छात्रों को दिये गये गृह कार्य की समीक्षा हो रही है. इसके बाद 12 बजकर 40 मिनट में शिक्षकों की छुट्टी हो रही है. नये समय पर सोमवार को पहले दिन शिक्षक एवं बच्चे हड़बड़ी में स्कूल पहुंचे. शिक्षकों ने सुबह 3-4 बजे उठकर ही अपनी दिनचर्या शुरू कर दी. अब स्कूल में बच्चे और टीचर ऊंघ रहे हैं. हालांकि एक-दो दिन में सब कुछ सामान्य हो जाने की बात कहीं जा रही है. कई स्कूलों में शिक्षक 6.50, 7:00 बजे विद्यालय पहुंचे. इस कारण उन्हें अनुपस्थित कर दिया गया. पहले दिन सुबह के समय विद्यालयों में कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम दिखी. सुबह 7 बजे के बाद से विद्यार्थियों ने स्कूल पहुंचना शुरू किया. प्रधानाध्यापकों ने बताया कि बच्चों के अभिभावकों को सूचना दे दी गयी थी. इसके बाद भी बच्चे विलंब से स्कूल पहुंचे. सबसे अधिक परेशानी महिला शिक्षकों को हुई जिनको समय पर ट्रेन नहीं मिल पायी. कई लोगों की तो ट्रेन सामने से निकल गयी. बच्चों की संख्या की बात करें तो विभागीय सूत्रों के अनुसार पहले दिन 30 से 40 फीसदी बच्चे कम पहुंचे.

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