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छपरा शहर में खुले में शौच व यूरिनल की समस्या होगी खत्म

छपरा : शहरवासियों को जल्द ही विभिन्न चौक-चौराहों व बाजारों में मोबाइल शौचालय की सुविधा मिलने वाली है. दरअसल, शहरवासियों को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन खुद आगे आये हैं. उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिये हैं. इस दौरान उन्होंने शहरवासियों की […]

छपरा : शहरवासियों को जल्द ही विभिन्न चौक-चौराहों व बाजारों में मोबाइल शौचालय की सुविधा मिलने वाली है. दरअसल, शहरवासियों को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन खुद आगे आये हैं.

उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिये हैं. इस दौरान उन्होंने शहरवासियों की समस्याओं को लेकर चर्चाएं की. साथ ही मुख्य रूप से शहर में मोबाइल शौचालय और यूरिनल लगाने को लेकर उन्होंने नगर निगम को कई अहम निर्देश दिये.
डीएम ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे नगर निगम द्वारा शहर में मोबाइल टॉयलेट लगाने को लेकर जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करें. उन्होंने कहा कि नगर आवास विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करके मोबाइल टॉयलेट का इंतजाम किया जाये.
दरअसल छपरा में नगर निगम ने बहुत पहले से ही शहर में मोबाइल टॉयलेट लगाने के लिए निर्णय लिया था. लेकिन अधिकारियों और कर्मियों की सुस्ती की वजह से अब तक इस पर कोई संतोषजनक कार्य नहीं हो पाया. डीएम के निर्देश के बाद अब शहरवासियों को बहुत जल्द ही चौक-चौराहों पर व विभिन्न बाजारों में मोबाइल टॉयलेट और यूरिनल की व्यवस्था नजर आयेगी.
इसके लिए छपरा नगर निगम को जेम पोर्टल से सभी मोबाइल टॉयलेट की खरीदारी करनी होगी. डीएम ने कहा कि सारे कार्य चुनावी आचार संहिता को ध्यान में रखकर पूरे करने हैं. मोबाइल टॉयलेट लगने से बहुत हद तक खुले में यूरिनल और शौच की समस्या भी खत्म हो जायेगी.
सामुदायिक शौचालयों का है बुरा हाल
छपरा नगर निगम की सुस्ती का आलम यह है कि नगर निगम क्षेत्र अभी तक ओडीएफ घोषित नहीं हुआ है. पिछले साल दिसंबर में ही इसे ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य था. लेकिन नगर निगम कर्मियों की सुस्ती की वजह से अभी तक अपना शहर छपरा ओडीएफ घोषित नहीं हो पाया है. छपरा में सामुदायिक शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है.
कुछ को छोड़ दिया जाये तो शहर के लगभग सभी सामुदायिक शौचालय जर्जर हालत में हैं. कई तो सालों से बंद हैं. सबसे बुरा हाल भगवान बाजार थाना रोड स्थित हनुमान मंदिर के समीप वाले सामुदायिक शौचालय का है. वहीं कुछ शौचालय तो अतिक्रमण के शिकार हो गये हैं.
पीर बाबा के समीप सामुदायिक शौचालय अतिक्रमण का शिकार हो गया है. साथ ही शहर में ऐसे कई सामुदायिक शौचालय हैं जो इस्तेमाल करने लायक ही नहीं है. न तो नगर निगम द्वारा इनकी सफाई करायी जाती है न ही उसकी कोई देखभाल होती है.
स्वच्छता रैंकिंग में भी आयी है गिरावट
छपरा में कुछ लोग सड़कों पर ही पेशाब करते नजर आते हैं. शहर के मुख्य बाजारों में भी यूरिनल की व्यवस्था नहीं है जिससे कई स्थानों पर बदबू भी आती है. वहीं गंदगी फैलती है. साथ ही साथ बीमारियां भी दस्तक देती हैं. शहर के भीड़ वाले इलाके में भी मोबाइल टॉयलेट या यूरिनल की व्यवस्था नहीं की गयी है.
हथुआ मार्केट, थाना चौक, सलेमपुर के साथ साहेबगंज, गुदरी बाजार कहीं भी किसी भी बाजार में यूरिनल की व्यवस्था नगर निगम द्वारा नहीं करायी गयी है. इसका खामियाजा छपरा नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण में भी भुगतना पड़ा. 2019 के सर्वेक्षण में छपरा शहर की रैंकिंग 425 शहरों में 424वें स्थान पर रही थी.

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