छपरा(कोर्ट) : राज्य खाद्य निगम के हजारों क्विंटल चावल को निगम के गोदाम में देने की जगह उसे बाजार में बेच सवा तीन करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन कर लेने के मामले में आरोपित बनाये गये दो राइस मिलरों की याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है. पश्चिम चंपारण के मेसर्स बजरंग इंटरप्राइजेज के मालिक अशोक कुमार राय और कैलाश राइस उद्योग के मिलर कृष्ण मोहन राय द्वारा दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर दो न्यायालयों एडीजे नवम व एडीजे दशम के कोर्ट में सुनवाई की गयी. याचिका पर बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक दयानंद राय ने इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये विशेष आदेश का उल्लेख किया. तो वहीं बचाव पक्ष के वकील ने मिलरों के पक्ष में अपनी दलीलें दी.
न्यायधीशों ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत जमानत याचिका को खारिज किये जाने का आदेश दिया. विदित हो कि आरोपित मिलर अशोक राय पर राज्य खाद्य निगम बेतिया के जिला प्रबंधक प्रमोद कुमार ने मुफस्सिल थाने में कांड संख्या 171/16 में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें आरोपित पर सरकार का एक करोड़ 96 लाख 45 हजार चार सौ 76 रुपये का गबन कर लेने का आरोप लगाया था. अपने आरोप में प्रबंधक ने कहा है कि वर्ष 2012/2013 में आरोपित ने निगम से मिलिंग के लिए एकरारनामा कर 28598.80 क्विंटल धान का क्रय किया. इसका 67 फीसदी यानी 19161 क्विंटल चावल 31 दिसंबर, 2013 तक निगम को देना था. वहीं, मिलर ने निगम को 9720 क्विंटल चावल ही दिया और 9441 क्विंटल चावल, जिसका सरकारी मूल्य लगभग दो करोड़ रुपये होता है, का गबन कर लिया है. वहीं प्रबंधक प्रमोद कुमार ने दूसरे मिलर कृष्णमोहन राय के विरुद्ध उसी थाने में कांड संख्या 172/16 दर्ज करायी थी, जिसमें मिलर पर खाद्य निगम का एक करोड़ 33 लाख पांच सौ 57 रुपये मूल्य के चावल का गबन कर लेने का आरोप लगाया है. प्रबंधक ने अपने आरोप में कहा है कि मिलर ने किसानों से 6042 क्विंटल धान प्राप्त किया जिसका 4048 क्विंटल चावल होता है. इसमें निगम के गोदाम में कुछ भी जमा नहीं कर उसकी संपूर्ण राशि का गबन कर लिया. ज्ञात हो कि दोनों मिलरों ने अपनी जमानत याचिका को जिला जज के कोर्ट में दाखिल किया था. जिला जज ने दोनों याचिकाओं को सुनवाई के लिए एडीजे नवम एवं दशम के कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.