छपरा (नगर) : रविवार को महाराजगंज उपचुनाव के दौरान मतदान की प्रक्रिया संसदीय क्षेत्र के छह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में शाम तक चलती रही. लेकिन, चुनाव क्षेत्र से जिला मुख्यालय में प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला चौक -चौराहों व चाय की दुकानों में सुबह से शाम तक होती रही. हर किसी के पास अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के लिए अलग-अलग समीकरण थे.
वहीं, कई तो अपने प्रत्याशी की जीत के अंतर की भी भविष्यवाणी करते नजर आ रहे थे. इसी दौरान गली-मोहल्लों में मौसमी विशेषज्ञ चुनाव विश्लेषण से अपने राजनीतिक ज्ञान के साथ ही प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर के जातिगत समीकरण के जोड़-घटाव से अपने दावों की पुष्टि करते दिखे.
* पल-पल बजता रहा मोबाइल
उधर, चुनावी विश्लेषण में लगे तथाकथित विशेषज्ञों के साथ ही छुटभैये नेताओं व चुनाव में रुचि रखनेवाले लोगों के मोबाइल दिन भर बजते रहे. हर कोई चुनाव क्षेत्र में हो रही छोटी-बड़ी घटनाओं के साथ ही मतदाताओं के मिजाज व मतदान के प्रतिशत की जानकारी के लिए वहां रह रहे अपने मित्र-परिचित व रिश्तेदारों से अद्यतन जानकारी लेने में व्यस्त रहा.
जानकारी पाने के साथ ही उसके प्रसार में भी मोबाइल का खूब उपयोग किया गया. उधर, कुछ लोग सही सूचना के लिए जिले से गये पत्रकारों के साथ चुनाव क्षेत्र में कार्यरत प्रखंड के पत्रकारों से भी स्थिति का जायजा मोबाइल फोन से लेते नजर आये.
* होता रहा चुनाव समाप्ति का इंतजार
महाराजगंज उपचुनाव का असर कई वैवाहिक कार्यक्रमों पर भी पड़ता दिखा. रविवार को लग्न की संख्या सबसे अधिक थी. ऐसे में दूल्हे व बराती तैयार होकर वधू पक्ष के घर पहुंचने के लिये मतदान समाप्ति का इंतजार करते नजर आये. कई जगहों पर परछावन आदि की प्रक्रिया तो पूरी कर ली गयी, मगर बीच रास्ते में बरात में चल रहे वाहनों को किसी तरह का व्यवधान न हो, इसके लिए दूल्हा पक्ष के लोग सारी तैयारी होने के बावजूद घर से निकलने में विलंब करने के साथ ही वधू पक्ष से मोबाइल द्वारा क्षेत्र की स्थिति की जानकारी लेते तथा देर से दरवाजा लगाने की बात कहते दिखे.