छपरा : निबंधन विभाग ने विभिन्न श्रेणी के जमीन के न्यूनतम बिक्री दर तथा बिक्री संबंधी शुल्क को संशोधित करने तथा उसका प्रतिवेदन देने का निर्देश जिला अवर निबंधन कार्यालय को दिया है. पत्र में विभाग ने यह भी लिखा है कि प्रतिवेदन मिलने के बाद ही संशोधित दर निर्धारण की अनुमति दी जायेगी. जिला अवर निबंधक संजय कुमार के अनुसार जनवरी माह में जमीन के खरीद बिक्री से संबंधित दर एवं उनके न्यूनतम मूल्यांकन दर में 10 से 15 फीसदी तक वृद्धि की संभावना है. इस दिशा में विभागीय आदेशानुसार आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
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प्रतिवेदन देने का निर्देश जिला निबंधन कार्यालय को िमला
छपरा : निबंधन विभाग ने विभिन्न श्रेणी के जमीन के न्यूनतम बिक्री दर तथा बिक्री संबंधी शुल्क को संशोधित करने तथा उसका प्रतिवेदन देने का निर्देश जिला अवर निबंधन कार्यालय को दिया है. पत्र में विभाग ने यह भी लिखा है कि प्रतिवेदन मिलने के बाद ही संशोधित दर निर्धारण की अनुमति दी जायेगी. जिला […]
n ग्रामीण क्षेत्र की जमीन सात श्रेणी में तो शहरी क्षेत्र की जमीन छह श्रेणी में रखी गयी
n एनएच, एसएच या डिस्ट्रिक रोड से सटी भूमि को व्यावसायिक एवं आवासीय ही माना जायेगा
n नये वर्ष में जमीन की खरीद बिक्री महंगी होने के साथ-साथ आवासीय भूमि का बढ़ेगा दायरा
व्यावसायिक भूमि: जिस भूखंड का उपयोग व्यावसायिक उपयोग के लिए किया जाता है
औद्योगिक भूमि: औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया है या जिसपर कोई औद्योगिक प्रतिष्ठान संचालित है
आवासीय भूमि: उस गांव के अंतिम घर से चारों ओर दो सौ मीटर की परिधि में अवस्थित क्षेत्र की भूमि आवासीय भूमि होगी
सड़कों की दोनों तरफ की भूमि: नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे से सटे संपूर्ण खेसरा की भूमि इसके अंतर्गत रखी जायेगी, जिसका एमवी आर उसके उपयोग के आधार पर ही निर्धारित किया जायेगा.
इन श्रेणियों में जमीन का हुआ वर्गीकरण
सिंचित भूमि: ऐसी भूमि जहां सरकारी अथवा निजी श्रोत से सिंचाई की व्यवस्था हो तथा एक से अधिक फसल उपजाई जाती हो
असिंचित भूमि: ऐसी भूमि जिसमें मात्र एक ही फसल एक साल में उपजायी जाती है
बलुआही, पथरीली, दियारा एवं चंवर भूमि: ऐसी भूमि जिसमें पानी से अाच्छादित रहने अथवा अन्य कारणों से किसी भी प्रकार की फसल नहीं उपजायी जाती है.
शहरी क्षेत्र की भूमि को भी छह प्रकारों में बांटा गया है
प्रधान सड़क/आवासीय भूमि: एनएच, एसएच, नगरपालिका, नगर निगम, नगर पर्षद, नगर पंचायत द्वारा अधिसूचित सड़कों के किनारे स्थित भूमि
मुख्य सड़क व्यावसायिक/आवासीय भूमि: सड़क का वह हिस्सा जो बाजार से होकर गुजरता हो उससे सटे जमीन जिसपर संरचना हो या परती भूमि उसे व्यावसायिक मुख्य सड़क श्रेणी में रखा जायेगा. वहीं सड़क का वह हिस्सा जो बाजार से होकर नहीं गुजरता हो उसपर अवस्थित भूमि जो सड़क की ओर खुलती हो भले ही संरचनायुक्त या पड़ती हो आवासीय मुख्य सड़क की भूमि मानी जायेगी. इन दोनों सड़कों व्यावसायिक एवं आवासीय दर एक ही होगा.
-औद्योगिक भूमि: यदि शहरी क्षेत्र की भूमि का उपयोग उद्योग लगाने के लिए चिह्नित किया गया है या उसपर उद्योग लगा हो तो उसे औद्योगिक भूमि माना जायेगा.
शाखा सड़क एवं व्यावसायिक एवं आवासीय भूमि: नगर निगम /नगर पर्षद/नगर पंचायत द्वारा अधिसूचित प्रधान सड़क एवं मुख्य सड़क से मिलने वाली एवं शाखा सड़क के किनारे अवस्थित भूमि को उसके वर्तमान उपयोग के आधार पर व्यावसायिक या आवासीय माना जायेगा तथा दोनों का भूमि दर अलग-अलग होगा.
अन्य सड़क आवासीय भूमि: नगर निकाय की अधिसूचित सड़कों के आधार पर जो भूमि या अन्य सड़क (गली) पर अवस्थित भूमि को आवासीय भूमि माना जायेगा जिसपर चार चक्का वाहन नहीं जा सकता है.
कृषि/गैर कृषि आवासीय भूमि: शहरी क्षेत्र स्थित वैसी भूमि जहां पूर्ण रूप से कृषि कार्य हो रहा है. अर्थात जहां बागवानी, पशुपालन जैसे कृषि कार्य हो रहे हैं तथा जिनकी चौहद्दी में कोई निजी या सार्वजनिक रास्ता नहीं है.
क्या कहते हैं डीएम
जिले के सभी अवर निबंधक को पत्र भेजकर सरकार के द्वारा 18 दिसंबर, 2017 को भेजे गये पत्र के आलोक में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के वर्गीकरण के संबंध में आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है. सरकार ने नये नियमावली के तहत ग्रामीण क्षेत्र की जमीन को सात श्रेणी में तथा शहरी क्षेत्र के जमीन को छह श्रेणी में विभाजित किया है. अब एनएच, एसएच या डिस्ट्रिक बोर्ड की मुख्य सड़क के सामने अवस्थित जमीन को ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय या व्यावसायिक ही माना जायेगा. वहीं किसी भी गांव के अंतिम घर के दो सौ मीटर की परिधि की जमीन भी आवासीय की श्रेणी में रहेगी.
हरिहर प्रसाद, डीएम सह निबंधक, सारण
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