के कंधों पर एक छोटी पुत्री को छोड़कर सदा के लिये चल बसेगी. शुक्रवार को दोपहर के समय घर का छज्जा गिरने वाली दर्दनाक घटना में टरवां मंगरपाल गांव के ही 35 वर्षीय राजमिस्त्री जयमंगल राम उर्फ भुअर राम की मौत छज्जे से दबकर घटना स्थल पर ही हो गयी थी. जबकि उसी जगह खड़ी सुरेंद्र राय की 50 वर्षीय पत्नी तारा देवी भी उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. परिजन आनन-फानन में उसे पीएमसीएच ले गया, जहां उसकी मौत हो गयी.
मृत महिला की तीन पुत्रियां हैं, जिनमें दो की शादी हो चुकी है. जबकि एक छोटी पुत्री मेनिका कुमारी की अभी शादी नही हुई हैं. अपने आंखों के सामने घटी इस घटना से आहत मेनिका बार बार रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं. वहीं बेबश पिता का भी रो-रो कर बुरा हाल है.
मायके से पड़ोसी के श्राद्धकर्म में शामिल होने आयी थी : तारा देवी पिछले एक माह से अपने मायके गयी थीं तथा इसी बीच अपने ससुराल के घर के पड़ोसी में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी थी. उनका श्राद्ध कार्यक्रम शनिवार को होना था. इसी वजह से महिला एक दिन पूर्व शुक्रवार की सुबह में मिस्त्री को बुलवा कर सेंट्रिंग का तख्ता निकलवा रही थी
तथा उसी जगह अपने घर की साफ-सफाई कर रही थी. तभी अचानक मौत ने दस्तक दी और छज्जा राजमिस्त्री तथा महिला के शरीर पर जा गिरा, जिसमें राजमिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि घायल महिला की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गयी.
ग्रामीणों ने कहा, घटना तो होनी ही थी
छज्जा गिरने की घटना की बात की जाये, तो जितने भी लोगों ने घटना स्थल पर जाकर स्थिति को देखा, सभी ने माना की आज न तो कल ये हादसा तो होना ही था. क्योंकि मिस्त्री द्वारा की गयी छज्जा की ढलाई बिना पिलर और दीवार के पूर्ण रूप से स्पोर्ट के बगैर ही की गयी थी. करीब 20 फुट लंबे और पांच इंच मोटे छज्जे का अधिकतर हिस्सा सेट्रिंग बांस व तख्थे के सपोर्ट पर टिका हुआ था. राजमिस्त्री जैसे ही सेंट्रिंग हटाने लगा, तभी अचानक छज्जा गिर पड़ा. संयोग अच्छा था कि घर के आस-पास के बच्चे उस जगह नहीं थे, वरना मौतों की संख्या और बढ़ सकती थी.