Bihar Cabinet Expansion: बिहार की सियासत में हलचल तेज है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम 4 बजे अपनी कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया. राजभवन में राज्यपाल ने सात नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिसमें बीजेपी विधायक संजय सरावगी का भी नाम शामिल है. आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है.
मंत्री पद के प्रबल दावेदार संजय सरावगी
बीजेपी कोटे से दरभंगा के वरिष्ठ विधायक संजय सरावगी 2005 से लगातार विधानसभा में अपनी सीट बरकरार रखे हुए हैं और पार्टी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं. संजय सरावगी (जन्म 1969) भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और वैश्य समुदाय के प्रभावशाली चेहरा हैं. उन्होंने 2005, 2010, 2015 और 2020 में लगातार चुनावी जीत दर्ज की है. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद के अमरनाथ गामी को 10,000 से अधिक वोटों से हराया था. अप्रैल 2018 में उन्हें प्रकल्प समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
हमेशा चर्चा में रहे हैं सरावगी
संजय सरावगी अपने तेजतर्रार बयानों और आक्रामक राजनीतिक शैली के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर हो रहे विपक्ष के हंगामे के दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला था. 2021 में उनका राजद विधायक भाई वीरेंद्र से विवाद भी सुर्खियों में रहा. विधानसभा भवन के बाहर दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद भाई वीरेंद्र ने सार्वजनिक रूप से उनसे माफी मांगी थी.
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बीजेपी का चुनावी मास्टरस्ट्रोक?
नीतीश सरकार के इस कैबिनेट विस्तार को बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी कोटे से 4 से 5 और जेडीयू कोटे से 2 नए मंत्री बनाए जाएंगे. इस विस्तार के जरिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित करने की कोशिश की गई है, ताकि आगामी चुनाव में जनता का विश्वास मजबूत किया जा सके. अब सभी की निगाहें शाम 4 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं. देखना दिलचस्प होगा कि संजय सरावगी समेत किन-किन चेहरों को नीतीश कैबिनेट में जगह मिलती है.
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