Bihar Cabinet Expansion: बिहार की राजनीति में हलचल तेज है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम 4 बजे अपनी कैबिनेट का विस्तार किया. राजभवन में सात नए विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. जिसमें अमनौर से बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार मंटू भी शामिल हैं. चुनावी माहौल में इस विस्तार को जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ पहले ही संभावित मंत्रियों की सूची लेकर राजभवन पहुंचे थे.
2010 में पहली बार विधायक बने थे कृष्ण कुमार मंटू
इस कैबिनेट विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) कोटे से अमनौर विधानसभा सीट के विधायक कृष्ण कुमार मंटू को मंत्री बनाया जा रहा है. बता दें कि मंटू 2010 में पहली बार विधायक बने थे और 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुनील कुमार को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे.
छात्र राजनीति से विधायक तक का सफर
27 फरवरी 1977 को जन्मे कृष्ण कुमार मंटू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. शुरुआती दौर में वे अपने गांव बनौटा के मुखिया बने और बाद में पंचायत स्तर की राजनीति में सक्रिय हो गए. उनकी पत्नी सविता देवी लगातार चार बार ब्लॉक प्रमुख चुनी गईं, जिससे उनके परिवार की राजनीतिक पकड़ मजबूत होती गई.
मंटू का नाम बिहार के चर्चित नेताओं में आता है. उनका जुड़ाव पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह से भी रहा है, जिनके सहयोग से उन्होंने 2010 में जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2020 में बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने फिर से विधानसभा में वापसी की.
विवादों से भी रहा है नाता
विधायक रहते हुए कृष्ण कुमार मंटू कई बार विवादों में भी घिर चुके हैं. उनके खिलाफ सरकारी अधिकारियों को धमकाने और जबरन वसूली के आरोप लगे थे. 2015 के चुनाव के दौरान भी उन पर शारीरिक धमकियों से जुड़े कई मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा राजनीतिक साजिश बताया है.
कैबिनेट विस्तार से बदलेंगे समीकरण?
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा गया है. कृष्ण कुमार मंटू कुर्मी जाति से आते हैं और सारण क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं. वे पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी के करीबी माने जाते हैं, जिससे उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई.