Samastipur News:पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र स्थित पंचतंत्र सभागार में रबी फसलों के संरक्षण में नवीनतम प्रगति विषय पर जारी प्रशिक्षण संपन्न हो गया. प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिया गया. अध्यक्षता करते हुए वैज्ञानिक सह प्रसार शिक्षा के ट्रेनिंग कोर्स कॉर्डिनेटर डॉ बिनीता सतपथी ने कहा कि फसल उत्पादन में वृद्धि होती है. खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है. किसानों को आर्थिक लाभ होता है. इसका महत्व इसलिए है क्योंकि यह सुधार कीटनाशकों और बीमारियों से फसलों की बेहतर सुरक्षा करते हैं. पर्यावरण और किसानों के स्वास्थ्य पर कम प्रभाव डालते हैं. मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं. जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने और संसाधन संरक्षण में भी यह महत्वपूर्ण है. नवीनतम पौध संरक्षण विधियों से फसलें कीटों, रोगों और खरपतवारों से सुरक्षित रहती हैं. जिससे पैदावार बढ़ती है. देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है. बेहतर फसल सुरक्षा और उत्पादकता से किसानों की आय बढ़ती है. संरक्षण कृषि जैसी विधियां मिट्टी की नमी बढ़ाती हैं. जिससे फसलें सूखे और अधिक गर्मी जैसी प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी अधिक लचीली हो जाती है. उन्होंने कहा कि डॉ. मयंक राय के नेतृत्व में प्रशिक्षण हुआ. रबी फसलों के संदर्भ में पौध संरक्षण में नवीनतम प्रगति शीर्षक वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कीटनाशकों के प्रयोग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की पहचान, निगरानी, रोकथाम, निगरानी और उपयोग को व्यापक रूप से शामिल किया गया. बामेती, पटना द्वारा प्रायोजित सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, सुपौल, सहरसा, मधुबनी के तीस प्रतिभागियों ने जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, पूसा और ढोली बीज उत्पादन इकाई का भी दौरा किया.
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