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Mukhiya massacre: पीएम आवास को लेकर मुखिया व नक्सली के बीच वारदात से दो घंटे पहले हुई थी झंझट

There was a conflict between the chief and the Naxalite नक्सली राकेश सहनी ने पुलिस को बताया है कि घटना के दो घंटे पहले आवास योजना को लेकर मुखिया से कहासुनी हुई थी.

Mukhiya massacre: दो घंटे बाद कर दी आवेश में हत्या, और लोगों की संलिप्तता पर पुलिस कर रही गंभीरतापूर्वक छानबीन

Mukhiya massacre: मोरवा : हलई थाना क्षेत्र की वनबीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा की हुई हत्या के बाद पुलिस द्वारा पकड़े गये नक्सली राकेश सहनी ने पुलिस को बताया है कि घटना के दो घंटे पहले आवास योजना को लेकर मुखिया से कहासुनी हुई थी. दो घंटे बाद में आवेश में उसने उसकी हत्या कर दी. हालांकि, पुलिस इस तथ्य को पुख्ता नहीं मान रही है. अन्य बिंदुओं पर भी उससे पूछताछ की जा रही है. थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि नक्सली राकेश से जब गहन पूछताछ की गई, तो उसके द्वारा बताया गया कि मुखिया के साथ उसका काफी दिनों से संबंध था. उसके साथ आना-जाना भी होता था. घटना के दिन संध्या में उसने अपने लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की मांग की थी. जिसको लेकर मुखिया ने ना-नुकर किया था. इसको लेकर वह आवेश में आ गया. दाह-संस्कार के दौरान मौका पाते ही एक बार फिर मुखिया से उलझ पड़ा. इसी दौरान उसे गोली मार दी. पुलिस अन्य बिंदुओं पर भी ध्यान देने का दावा कर रही है.

Mukhiya massacre:आगामी चुनाव को लेकर मुखिया को रास्ते से हटाने के लिए षड्यंत्र रचा गया होगा.

पुलिस का कहना है कि दाह-संस्कार के मौके पर शामिल लोगों से भी घटना की बाबत बातचीत की जायेगी, लेकिन प्रथम दृष्टया जो कबूलनामा नक्सली के द्वारा किया गया है. उसके आधार पर छानबीन की जा रही है. पुलिस भी इस वजह को पुख्ता नहीं मान रही है. इसके पीछे कोई दूसरी कहानी भी हो सकती है. जिसको लेकर पुलिस छानबीन कर रही है. इधर, ग्रामीणों की जितनी मुंह उतनी बात सामने आ रही है. लोगों का कहना है कि आगामी चुनाव को लेकर मुखिया को रास्ते से हटाने के लिए षड्यंत्र रचा गया होगा. एक विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा इस घटना को अंजाम देना काफी कुछ दर्शाता है. लेकिन, अब तो सब कुछ पुलिस की जांच पर ही निर्भर करेगा.

Mukhiya massacre: मुखिया का बढ़ता कद कुछ लोगों को नागवार गुजर रहा था

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि मुखिया का कद लगातार बढ़ रहा था, जो कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा था. संभव है कि इसी कारण उसकी हत्या की गई होगी. बताते चलें कि दाह-संस्कार के दौरान वनबीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा की नक्सली राकेश सहनी ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. हालांकि, पुलिस की सक्रियता की वजह से 12 घंटे के भीतर ही नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया. अब इस घटना में सम्मिलित अन्य लोगों की बारे में भी पुलिस जानकारी इकट्ठा कर रही है. पुलिस नक्सली का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है.

Mukhiya massacre: वैशाली, समस्तीपुर और निकटवर्ती थानों में दर्जन भर मामले उसके पर दर्ज

पुलिस का कहना है कि वैशाली, समस्तीपुर और निकटवर्ती थानों में दर्जन भर मामले उसके पर दर्ज हैं. इसके आधार पर पुलिस छानबीन में जुट गई है. डीहिया पुल पर हुए फोरलेन के बेस कैंप के हमले के बाद उसका मनोबल लगातार बढ़ रहा था. बताया जाता है कि नक्सली संगठन के संपर्क में रहने के बाद वह काफी तेजी से ऐसी घटना को अंजाम दे रहा था. लेकिन, उसके आचरण को लेकर संगठन के द्वारा उसे संगठन से निकाल दिया गया. इसके बाद वह लगातार स्थानीय युवकों के संपर्क में रहकर घटना को अंजाम दे रहा था. ग्रामीणों की माने, तो शराब की अवैध तस्करी में उसका काफी बोलबाला था. नक्सली और हथियार के बल पर वह कई लोगों से लेवी भी ले रहा था.

Mukhiya massacre: न्यायालय में सारे साक्ष्य और सबूत प्रस्तुत किये जायेंगे

पुलिस का कहना है कि न्यायालय में सारे साक्ष्य और सबूत प्रस्तुत किये जायेंगे ताकि उसे इस घटना की सजा मिल सके. इधर, पुलिस के क्रिया- कलाप पर लोगों ने संतोष जाहिर किया है. लोगों कहना है कि जिस कदर उसके मनोबल बढ़ रहे थे. अगर, वह बाहर रहता, तो इस घटना के बाद भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था. अब पुलिस की गिरफ्त में लगातार उससे पूछताछ की जा रही है. उसके आपराधिक इतिहास के विभिन्न बिंदुओं पर पुलिस छानबीन कर रही है. पुलिस का कहना है कि हर बिंदुओं पर पुलिस की बारीकी से छानबीन जारी है और घटना में संलिप्त किसी भी लोगों को बख्शा नहीं जायेगा. इस घटना को लेकर जो तथ्य सामने आयेगा उसे पुलिस साझा करेगी.

Mukhiya massacre: मुखिया के परिजन ने प्राथमिकी के लिए थाने में आवेदन सौंपा

दाह-संस्कार के बाद मृत मुखिया के परिजन ने प्राथमिकी के लिए थाने में आवेदन सौंपा है. जिसके आलोक में पुलिस तफ्तीश में जुट गई है. बताते चलें कि मुखिया संघ के अध्यक्ष नारायण शर्मा की हत्या के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब अन्य प्रतिनिधि भी आवाज उठाने लगे हैं. नारायण शर्मा के क्रिया- कलाप की चर्चा सब जगह पर हो रही है. वहीं, उसके परिवार की स्थिति को देखते हुए लोगों को तरस भी आ रहा है कि अब उस परिवार का क्या होगा, जिस परिवार के छोटे-छोटे बच्चे और घर की बीमार महिला सबका भविष्य मुखिया पर भी टिकी हुई थी. पूरे परिवार के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. लोगों की नजर पुलिस के उसे खुलासा करने में लगी है. जिससे यह पता चल सके कि आखिर घटना की असली वजह क्या थी?

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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