Samastipur News:समस्तीपुर : विश्व हाथ धुलाई दिवस पर बुधवार को शिक्षकों ने साबुन और पानी से हाथ छात्र-छात्राओं को हाथ धुलवाया. वहीं हाथ धुलाई के महत्व को समझाते हुए शिक्षकों ने बताया कि खाने के पहले और बाद में तथा शौच के वक्त साबुन-पानी से हाथों की अच्छी तरह से धुलाई करना बेहद जरूरी है. क्योंकि अधिकतर बीमारियां संक्रमण से फैलती है. वहीं हाथों की अच्छी तरह से धुलाई करने पर संक्रामक कीटाणु मर जाते हैं और बीमारी होने की संभावना नहीं रहती है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ में प्रभारी प्रधानाध्यापिका कुमारी पूनम सिन्हा के नेतृत्व में शिक्षक चंदन कुमार ने हाथ धुलाई के चरणों से अवगत कराया. बाल संसद की प्रधानमंत्री पी दिव्यांशी ने स्वच्छता के फायदों से अवगत कराया. सभा को शिक्षिका शर्मा सुषमा एवं नीतू राय ने भी संबोधित किया. मौके पर शिक्षिका अभिलाषा हरि, कुमारी प्रतिभा, शिक्षा सेवक पूनम कुमारी आदि मौजूद थे. इधर, मध्य विद्यालय सिंघिया खुर्द में एचएम देवेंद्र प्रसाद चौधरी ने बताया कि सफाई ही बीमारी से लड़ने का पहला हथियार होता है. बीमारियों के संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई का पहला चरण खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना होता है. इसी उद्देश्य को लेकर 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है. कोरोना काल में उपजे संकट ने बच्चों से लेकर बड़ों तक को सही ढंग से हाथ धुलने का तारीका सिखाया. आने वाली पीढ़ी भी इस अच्छी आदत को अपनाए, इसके लिए घर से लेकर स्कूल तक जागरूकता बेहद जरूरी है. चिकित्सक डा. शालीन झा ने बताया कि हाथ धोने के लिए हाथों की सभी सतहों को साफ करना चाहिए. इसमें हथेलियां, हाथों के पीछे का हिस्सा, उंगलियों के बीच का हिस्सा, उंगलियों के पीछे का हिस्सा, अंगूठे, उंगलियों के सिरे और कलाई शामिल हैं. हाथ रगड़ने की पूरी प्रक्रिया कम से कम 20 सेकंड तक चलनी चाहिए. हाथों की स्वच्छता हमारे लिए भी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि कई बीमारियां हाथों के जरिए ही शरीर तक पहुंच जाती हैं. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं. खासकर खाने से पहले, टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद और बाहर से आने के बाद यह बेहद जरूरी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

