Samastipur News: समस्तीपुर : बिहार राज्य मिड डे मील वर्कर्स रसोइया यूनियन जिला कमेटी की ओर से 7 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा भवन परिसर में प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों का जुलूस अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ कार्यालय से निकल कर शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए शिक्षा भवन पहुंचा. जहां सभा में तब्दील हो गये. संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राम प्रकाश यादव ने कहा कि वर्ष 2009 में भारत सरकार ने रसोइया का मानदेय एक हजार रुपये तय कर अपना हिस्सा छह सौ रुपये तय किया. चार सौ रुपये राज्य सरकार के हिस्से में दिया गया. देश के सभी राज्यों में रसोइया यूनियन के संघर्ष के कारण मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है, लेकिन भारत सरकार अपने अंश में आज तक एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की है जो चिंताजनक है. वह भी तब जब इस योजना का नाम बदल मध्याह्न भोजन योजना से बदल कर पीएम पोषण योजना कर दिया गया है. इसके अलावा इस योजना का निजीकरण किया जा रहा है. केंद्रीय किचन में रात में ही खाना बनाना शुरू किया जाता है. जब बच्चों के समक्ष परोसा जाता है तो उस समय बासी हो जाता है. यह नुकसान पहुंचाने वाला है. संबोधित करते हुए मनोज कुमार गुप्ता, सत्यनारायण सिंह, रघुनाथ राय, महेश कुमार, अरविन्द दास, पूनम देवी, राजेश्वर महतो, जालेश्वरी देवी, भुनेश्वर पासवान, नीलम झा, लालबहादुर पासवान, रुदल, आशा देवी ने कहा कि रसोइया को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये. जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक श्रम सम्मेलन में तय राशि 26 हजार रुपये करने की मांग की. रसोइया को पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन व सेवानिवृति के समय दो लाख रुपये एक मुश्त राशि देने की मांग भी रखी गयी. प्रदर्शनकारियों ने मांगों को लेकर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शिक्षा पदाधिकारी से मिलकर मांग पत्र सौंपा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

