Samastipur News:रोसड़ा :
रुसेरा घाट रेलवे स्टेशन पर मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग अब उग्र जनआंदोलन का रूप ले चुकी है. कल हुई घोषणा के हवाले से युवाओं ने साफ चेतावनी दी है कि 14 सितम्बर को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक रोसड़ा का स्वतः बंद,चक्का जाम एवं विशाल पैदल मार्च आयोजित होगा. आंदोलनकारियों ने एलान किया है कि जब तक लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव रोसड़ा स्टेशन पर सुनिश्चित नहीं होता, तब तक किसी भी नेता का रोसड़ा में प्रवेश वर्जित रहेगा. इस फैसले का समर्थन विभिन्न संगठनों, व्यवसायियों, दुकानदारों एवं आम जनता ने दलगत भावना से ऊपर उठकर किया है. गौरतलब है कि रोसड़ा कभी उत्तर भारत की प्रमुख अनाज मंडियों में गिना जाता था एवं आज भी देश-विदेश से कबीर पंथियों के लिए यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है. ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले नगर को आज ट्रेन ठहराव जैसी मूलभूत सुविधा के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है, जो स्थानीय जनता के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.– 14 सितम्बर को रोसड़ा बंद, चक्का जाम और पैदल मार्च
लोगों का कहना है कि वर्षों से उपेक्षा का शिकार रोसड़ा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. नेताओं से बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. यही कारण है कि अब आम जनता ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. बंदी को सफल बनाने के लिए रोसड़ा समेत पूरे क्षेत्र में माइकिंग कर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया है. जगह-जगह युवाओं और दुकानदारों ने लोगों से 14 सितम्बर को पूरा नगर बंद रख आंदोलन को मजबूत बनाने की अपील की गयी है. आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि 14 सितम्बर का बंद केवल शुरुआत है, अगर मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और व्यापक होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

