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– नींबू, आंवला के साथ 15-20 सहजन के पौधे हर पोषण वाटिका में लगेंगे

विद्यालयों में पढ़ रहे नौनिहालों को अब पोषण वाटिका से स्वस्थ सेहत मिलेगी. पोषण वाटिका के रखरखाव व देखरेख की भावना भी विकसित की जायेगी.

समस्तीपुर : विद्यालयों में पढ़ रहे नौनिहालों को अब पोषण वाटिका से स्वस्थ सेहत मिलेगी. पोषण वाटिका के रखरखाव व देखरेख की भावना भी विकसित की जायेगी. स्कूलों की पोषण वाटिका में सहजन के पौधे लहलहलायेंगे. बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को लेकर अब प्रारंभिक स्कूलों में वाटिका का विस्तार किया गया है. नींबू, आंवला के साथ 15-20 सहजन के पौधे हर पोषण वाटिका में लगेंगे. 15 जून तक मिट्टी जांच कर स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है. जिले के स्कूल इस पोषण वाटिका योजना में शामिल होंगे. बता दें कि पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीमित संख्या में पोषण वाटिका तैयार की गई थी. कृषि, मनरेगा, कृषि विज्ञान केन्द्र, स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसको लेकर अलग-अलग जिम्मेवारी दी गई है. इन विभागों के सहयोग से वाटिका का निर्माण होगा. कृषि विज्ञान केन्द्र, वानिकी, मनरेगा व कृषि विवि के सहयोग से विद्यालय में पोषण वाटिका की संरचना तैयार की जायेगी. वर्मी कंपोस्ट टैंक बनवाया जायेगा और केला, अमरूद, नीबू, सहजन के पौधा लगाये जायेंगे. बच्चों को इस वाटिका के फल, सब्जी आदि का उपयोग कराया जाएगा, ताकि बच्चों में पोषण की कमी दूर हो सके. विद्यालय का चयन डीपीओ से समन्वय कर किया जाना है. कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान इसे करायेगा. कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से उन्नत किस्म की साग-सब्जियों एवं फलदार पौधे तैयार कर विद्यालयों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. विद्यालय विकास अनुदान मद से 3000 रुपये का व्यय वाटिका के निर्माण में होगा. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा जागरूकता सत्र का आयोजन चेतना सत्र के माध्यम से कराया जायेगा. विद्यालयों के लिए विद्यालय विकास अनुदान मद से 3000 रुपए का व्यय पोषण वाटिका के निर्माण में होगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बच्चों में पोषण को बढ़ावा देने के लिए अंकुरण परियोजना के तहत पोषण वाटिका नये अंदाज में संचालित होगा. बच्चे किसी स्तर पर कुपोषित न हो, इसे लेकर जिले में व्यापक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. साथ ही बच्चों में बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेती के प्रति ललक बढ़े, इसे ले चहारदीवारीयुक्त सभी सरकारी विद्यालयों में अंकुरण परियोजना के तहत पोषण वाटिका लगाने का निर्णय लिया गया है. बच्चे खेतीबाड़ी का भी गुर सीख सकें. जिसमें बच्चों को जैविक विधि पर आधारित सब्जी की खेती करने के प्रति भी प्रेरित किया जायेगा. साथ ही उपजी हुई सब्जी का उपयोग एमडीएम में किया जाएगा ताकि जिससे कि बच्चों को पर्याप्त पोषाहार मिल सके. इससे रक्त की कमी से होने वाली एनिमिया बीमारी को दूर भगाने में सहायता मिलेगी. साथ ही रसायनिक उर्वरकों के उपयोग से भी अवगत कराया जायेगा.

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