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Samastipur News:10 साल तक गायब रही शिक्षिका का अचानक हुआ योगदान

प्रखंड के प्राथमिक उर्दू विद्यालय आलमपुर में शिक्षा व्यवस्था और बहाली प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं.

Samastipur News:विभूतिपुर : प्रखंड के प्राथमिक उर्दू विद्यालय आलमपुर में शिक्षा व्यवस्था और बहाली प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं. फर्जी तरीके से बीएड प्रशिक्षण लेने के मामले में नाम आने के बाद विवादों में घिरी प्रधानाध्यापिका हेना परवीन विद्यालय में ड्यूटी पर तैनात रहती है. हालांकि, उनकी बहाली और विद्यालय में उपस्थिति को लेकर जो खुलासे हुए हैं वह चौंकाने वाले हैं. हाल ही में समस्तीपुर बीएड कॉलेज में हेना परवीन के स्थान पर सोनी कुमारी नामक महिला द्वारा फर्जी तरीके से प्रशिक्षण लेने का मामला सामने आया था. प्रशासन की कार्रवाई के बाद चर्चा थी कि प्रधानाध्यापिका विद्यालय में हाजिरी बनाकर फरार रहती हैं. लेकिन गुरुवार को वे स्कूल में मौजूद थी. हेना परवीन का दावा है कि उनकी बहाली 2013 में आलमपुर कोदरिया पंचायत में तत्कालीन मुखिया शंभू कुमार दास के समय हुई थी. तत्कालीन एचएम मो. मकबूल ने उनका योगदान कराया था.लेकिन हेना परवीन के दावों के उलट, तत्कालीन प्रधानाध्यापक मो. मकबूल ने सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि हेना परवीन ने 2013 में नहीं, बल्कि 13 जनवरी 2024 को विद्यालय में योगदान किया. उन पर तत्कालीन बीईओ कृष्णदेव महतो द्वारा भारी दबाव बनाया गया था. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में जांच लंबित होने के बावजूद बीईओ के निर्देश पर योगदान कराया गया. मकबूल के अनुसार पिछले 10 वर्षों तक शिक्षिका कहां थीं इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है. संकुल समन्वयक अरविंद कुमार दास ने पुष्टि की कि तत्कालीन बीईओ के दबाव में 13 जनवरी 2024 में ही योगदान कराया गया. वहीं पंचायत सचिव दिवाकर कुमार ने बताया कि उनके पास बहाली से संबंधित कोई कागजात नहीं हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मांगे जाने पर एक वर्ष पूर्व ही दस्तावेज दे दिये गये थे. स्थानीय ग्रामीणों के बीच यह चर्चा आम है कि हेना परवीन की बहाली पूरी तरह फर्जी तरीके से हुई है. विद्यालय में 159 बच्चों पर केवल चार शिक्षक तैनात हैं. जिनमें से सहायक शिक्षक सुजीत कुमार और सुजीत राय ने अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की है.

सवाल का जवाब बाकी है

अगर बहाली 2013 में हुई, तो 2024 तक शिक्षिका का रिकॉर्ड कहां था?

निगरानी जांच के बीच तत्कालीन बीईओ ने योगदान के लिए दबाव क्यों बनाया?

बयान –

पूर्व बीईओ कृष्णदेव महतो ने उन्हें न तो पूर्ण प्रभार दिया है और न ही इस बहाली से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं.

मनोज कुमार मिश्र

बीईओ, विभूतिपुर

मेरी तबीयत खराब थी. बच्चे की परीक्षा थी. इसलिए मैं प्रशिक्षण में शामिल नहीं हो पायी. मुझे नहीं पता कि मेरी जगह कौन प्रशिक्षण लेने गया था.

हेना परवीन,

प्रधानाध्यापिका

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