Bihar Flood: गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण समस्तीपुर जिले के दर्जनों गांवों में पानी भरा हुआ है. यहां तक कि पानी लोगों के घरों के अंदर तक प्रवेश कर चुका है. जिस कारण लोग बेघर होकर बांधों व सड़कों किनारे अस्थायी तंबुओं में गुजर-बसर करने को विवश हैं. इन लोगों के सामने खाने व पीने के पानी की भी भारी दिक्कतें आ रही हैं. जल जमाव की वजह से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. स्थिति इतनी गंभीर है कि लोग लकड़ी व बांस की मदद से नाव बनाकर अपने डूबे घरों की रातभर रखवाली कर रहे हैं.
बाढ़ प्रभावित गांव
मिली जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के नवघोडिया, जौनापुर, मटियोर, चापर समेत कई गांव अब भी गंगा की बाढ़ से प्रभावित हैं. पानी लोगों के घरों में भरा हुआ है और झोपड़ियां डूबी हुई हैं. हालांकि धीरे-धीरे कुछ इलाकों से पानी निकलने लगा है, लेकिन इसके लोगों की परेशानी में कोई कमी नहीं आ रही है. गांव छोड़कर तंबुओं में रह रहे लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या भूख-प्यास और बीमारी की है. बाढ़ से बेहाल लोग अपनी जुगाड़ू नाव से किसी तरह घर-परिवार और पशुधन को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
भूख-प्यास और बीमारी का संकट
बता दें कि पानी भरे गांवों में स्वच्छ पेयजल और भोजन का अभाव है. गंदे पानी और अस्वच्छ माहौल के कारण तरह-तरह की बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. सबसे ज्यादा दयनीय बच्चों और बुजुगों की स्थिति है. जानकारी हो कि इन दिनों बिहार के एक नहीं बल्कि बहुत सारे गांव बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं. कई गावों के लोग अपना घर छोड़कर ऊंची जगह पलायन करने को मजबूर हुए हैं. हालांकि सरकारी तौर पर इन बाढ़ पीड़ितों की मदद को जरूरी कदम भी उठाये जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें: आज से बदले समय से चलेगी बिहार के इस रूट की वंदे भारत एक्सप्रेस, जानिए नया टाइम टेबल

