सावधान. 25.53 फीसदी मरीजों में खतरनाक स्तर पर पाया गया ब्लड शुगर
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लोगों में बढ़ रहा मधुमेह का लेवल
सावधान. 25.53 फीसदी मरीजों में खतरनाक स्तर पर पाया गया ब्लड शुगर समस्तीपुर : मधुमेह के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. यह रोग सही जीवनशैली और बेहतर खानपान के अभाव से भी हो सकता है. इसके साथ ही आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में तनाव का मधुमेह से गहरा संबंध माना जा रहा है. तनाव मधुमेह […]
समस्तीपुर : मधुमेह के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. यह रोग सही जीवनशैली और बेहतर खानपान के अभाव से भी हो सकता है. इसके साथ ही आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में तनाव का मधुमेह से गहरा संबंध माना जा रहा है. तनाव मधुमेह के साथ कई अन्य रोगों को भी निमंत्रण दे डालता है. पहले यह बीमारी आमतौर पर गर्भवती महिलाओं और बड़ी उम्र के लोगों में देखा जाता था. लेकिन वर्तमान में भाग-दौड़ वाली जीवनशैली ने अब इसकी परिभाषा बदल दी है.
सदर अस्पताल के आंकड़े पर गौर करें तो डायबिटीज मरीजों के उम्र और लिंग की कोई सीमा नहीं रह गयी है. अस्पताल में आने वाले मरीजों में से पैथोलॉजी तक भेजे जा रहे मरीजों में से करीब 25 फीसदी में मधुमेह का स्तर सामान्य से अधिक पाया जा रहा है. आंकड़ों पर ध्यान दें तो सदर अस्पताल के ओपीडी में पिछले 01 सितंबर से लेकर 16 सितंबर तक कुल 5328 लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें 254 मरीजों का चिकित्सकों ने पेथोलॉजिकल जांच कराया. इनमें 47 ऐसे मरीज थे, जिन्हें डायबिटीज की शिकायत थी. इन 47 मरीजों में 12 मरीजों का ब्लड शुगर औसतन खतरनाक लेबल पर था, या यूं कहें कि 25.53 फीसदी मरीजों का ब्लड शुगर काफी बढ़ा हुआ था. इस पर चिकित्सक भी चिंता जताते हैं.
ब्लड शुगर बढ़ने के क्या हैं कारण
यह वंशानुगत तो है ही साथ ही लाइफ स्टाइल में परिवर्तन, फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन, स्मोकिंग, अल्कोहल के सेवन, व्यायाम की कमी, डिप्रेशन एवं अत्यधिक मोटापा के शिकार लोगों में ब्लड शुगर काफी तेजी से बढ़ता है.
ब्लड शुगर बढ़ने से नुकसान
ब्लड शुगर लगातार बढ़ता रहा है, तो इससे किडनी खराब हो सकती है. सर्दियों में मरीजों में हार्ट अटैक और दूसरी दिल की बीमारियां होने की संभावना चार गुणा तक बढ़ जाती है. इसके अलावे आंखों की रोशनी लगातार कम होने लगती है, वजन बार-बार बढ़ने या कम होने लगता है़ हर समय कमजोरी महसूस होता है़ चोट लगने पर घाव जल्दी ठीक नहीं होता है और भूख ज्यादा लगने लगता है
सदर अस्पताल में पिछले 15 दिनों में 47 मरीजों की करायी गयी ब्लड शुगर की जांच
जिले में हर उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है चीनी की बीमारी
इसका क्या है इलाज
एसआरएस हेल्थ केयर सेंटर के एमडी डॉ आरके सिंह कहते हैं कि डायबिटीज के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें. इसके लिए चिकित्सकीय सलाह पर तुरंत इलाज शुरू करें. दवा का प्रयोग निश्चित समय पर और सही मात्रा में सही समय पर लें, प्रतिदिन 40 मिनट मॉर्निंग वॉक पर जायें, योगा करें, व्यायाम करें, अत्यधिक जरूरी न हो तो उपवास न रखें, डायट में फूड आइटम के एनर्जी वेल्यू को मेंटेन करें, जंक फूड बिल्कुल न खाएं एवं डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं से बचाव के लिए साल में एक बार नेत्र, स्नायु, हृदय और धमनियों में होने वाले रोग की जांच कराते रहें.
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