मोहिउद्दीननगर : मोहिउद्दीनगर-हरैल पथ के सुनसान जगह पर बड़े ही गुप्त तरीके से अवैध खाद फैक्टरी संचालित किया जा रहा था़ इस फैक्टरी की संचालन की सूचना जब पुलिस को गुप्त तरीके से प्राप्त हुई तो फिल्मी अंदाज में पुलिस उस मकान के अन्दर बने तहखाने में दाखिल होने में सफलता प्राप्त की़
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य सरगना सुजीत कुमार उपेन्द्र साह के मकान को पंद्रह हजार रुपये किराये के मकान पर लेकर अवैध खाद और बीज के गोरखधंधे चलाने में मशगुल था़ अपने बनाये उत्पाद को स्थानीय स्तर पर खपत नहीं करता था़ इसके लिए सरगना ने सुदूर स्थानों में सामानों की बड़े ही गोपनीय ढ़ग से खपत करता था़
इस पथ से गुजरने वाले यात्रियों को अवैध खाद फैक्टरी संचालन की भनक भी नहीं लग रही थी़ बाहर से मकान देखने में एक मंजिला दिखाई पड़ता है परंतु अंदर प्रवेश करने के क्रम में तहखानानुमा है़ छत के उपर उंचाई नुमा चहारदीवारी है़ घटना के पर्दाफाश होने के बाद लोगों का कहना है कि इस मकान को विशेष तरह से गोरखधंधे करने के लिए ही बनाया गया था़
जिससे लोगों को इसके अन्दर हो रहे कार्यो के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती थी़ मामला का खुलासा होने के बाद लोगों के द्वारा तरह-तरह की चर्चाएं इस बाबत की जा रही है़
पहले भी जा चुका है जेल
पुलिस ने जानकारी दी कि 2014 में दलसिंहसराय के गोला पट्टी का रहने वाला राजू साह, अशोक महतो तथा ज्ञानी साह के साथ वह अवैध खाद निर्माण को लेकर जेल जा चुका है़ इस नवनिर्मित मकान के बाहर बालू का एक बड़ा सा ढेर रखा है़
सारे अवैध कार्य शाम होने के बाद ही जनरेटर की रौशनी में संचालित किये जाते थे़ थानाध्यक्ष असगर इमाम के अनुसार इस रैकेट में और भी लोगों को संलिप्त होने की आशंका है़ पुलिस ऐसे लोगों तक पहुंचने के लिए प्रयत्नशील है़