समस्तीपुर. संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों का आंदोलन सर्वथा उचित है. वित्त के अभाव में बहुत से शिक्षक और उनके परिवार के कई सदस्य असमय ही काल कलवित हो चुके हैं. अगर सरकार की सहमति से राज्य में कॉलेजों को मान्यता प्रदान की गयी है तो इन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को नियमित वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए. यह इन कॉलेजों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के हित में भी होगा. समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार सहित कई अन्य अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों ने कहा कि लंबे समय से वित्त रहित शिक्षा नीति के शिकार शिक्षकों और संविदा पर बहाल शिक्षकों का राज्य द्वारा आर्थिक शोषण वीभत्स और अनैतिक है. अगर बिहार के शैक्षणिक वातावरण, जो सबसे खराब स्थिति में है, को सुधारना है तो आंदोलनरत शिक्षकों पर दमन के बदले उनसे सकारात्मक बातचीत की जानी चाहिए. हिंदी के प्राध्यापक डॉ सुरेंद्र प्रसाद सुमन न भी आंदोलनकारी शिक्षकों के साथ अपनी एकात्मकता व्यक्त करते हुए उनके आंदोलन को जनवादी और राज्य की जनता के हित में बताया है.
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शिक्षकों की मांग जायज : डॉ प्रभात
समस्तीपुर. संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों का आंदोलन सर्वथा उचित है. वित्त के अभाव में बहुत से शिक्षक और उनके परिवार के कई सदस्य असमय ही काल कलवित हो चुके हैं. अगर सरकार की सहमति से राज्य में कॉलेजों को मान्यता प्रदान की गयी है तो इन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को नियमित […]
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