समस्तीपुर : करीब दो दशक पूर्व स्क्रैप व्यवसाय में कदम रखने वाले बद्री गोयनका पर अपराधियों की निगाहें रही हैं. जानकार बताते हैं कि इससे पूर्व भी दो बार जानलेवा हमला हो चुका है. वर्ष 07 में अंगारघाट के समीप अपराधियों ने उस पर बम से हमला किया था. जिसमें वह बाल-बाल बच गये थे. पांच वर्ष पूर्व भी हत्या की साजिश रची गयी. जिसे पुलिस ने सक्रियता से विफल कर दिया था. इस मामले में कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.
जिसके बाद व्यवसायी को जिला प्रशासन ने हथियार का लाइसेंस दिया था. धीरे-धीरे यह मामला फीका पड़ता चला गया. लाइसेंस नवीकरण के लिए व्यवसायी जिला प्रशासन की दौड़ लगाते रहे. लेकिन उनके लाइसेंस का नवीकरण नहीं हुआ. इस बीच कल तक अपराधियों के निशाने पर रहने वाले व्यवसायी गोयनका के साथ अब उसका समूचा परिवार भी आ गया है.
गुरुवार की रात व्यवसायी की पत्नी व बेटी को गोली लगी. बेटा ने किसी तरह अपराधियों से छुपकर अपनी जान बचायी है. इधर, सूत्र स्क्रैप व्यवसायी पर फायरिंग की घटना को रेलमंडल के स्क्रेप के कारोबार पर क़ब्जे से जोड़कर भी देख रहे है. सूत्रों की मानें तो इस कारोबार पर कब्जे को लेकर बीते छह माह में कई व्यवसायियों के साथ मारपीट की घटना भी हो चुकी है. हालांकि यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा. कारोबार पर अपने दबदबे को लेकर अपराधियों के कई गुट आमने-सामने आ गये हैं.
इधर, अपने व्यवसाय को लेकर अन्य जिलों के व्यवसायियों से गोयनका की नजदीकी अपराधी गुटों को रास नहीं आ रही है. जिससे घात-प्रतिघात का दौर वापस लौटता हुआ प्रतीत हो रहा है. इस खेल को लेकर ही स्क्रैप व्यवसायी बद्री गोयनका को अपराधियों ने अपना निशाना बनाया. हालांकि सूत्रों के इस तथ्य में कितनी सच्चाई है यह तो पुलिसिया जांच के बाद ही सामने आ सकेगा. जिसको लेकर शहरवासियों की निगाहें पुलिस पर आ टिकी है. देखना है कि पुलिस इस घटना क्रम को लेकर कितनी संजीदगी से जांच-पड़ताल करती है या फिर अन्य घटनाओं की तरह ही इसे ठंडे बस्ते में डाल देती है.