सहरसा . गायत्री शक्तिपीठ रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि आज विश्वास से ज्यादा अविश्वास के लिए तर्क है. आज विश्वास से ज्यादा अविश्वास मजबूत है. जीवन में अविश्वास भी जरूरी है. अविश्वास का मतलब वैमनस्य नहीं सजगता है. अविश्वास को पॉजिटिव लेते हैं तो सजगता पर आपका नकारात्मक चिंतन है. तो मंत्र पर अविश्वास, विधि पर अविश्वास, गुरु पर अविश्वास, भगवान पर अविश्वास, पड़ोसी पर अविश्वास एवं फिर खुद पर अविश्वास होगा. फाइनली व्यक्तित्व बिखर गया. यह नकारात्मक चिंतन का परिणाम है. विश्वास एवं अविश्वास का मतलब औचित्य की कसौटी पर खरा उतरना है. इस अवसर पर डाल्टनगंज के एडिशनल जज विभा मौजूद थी. उन्होंने सत्र को संबोधित करते बताया कि जब वे सहरसा में थे तब हमेशा शक्तिपीठ से जुड़े रहे. इससे हमें बहुत लाभ मिला.
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