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छोटी सी चिंगारी को पछुआ हवा बना देती है दावानल

छोटी सी चिंगारी को पछुआ हवा बना देती है दावानल

पछुआ हवा शुरू होते ही बढ़ने लगी है आग लगने की घटना़ रोजी रोटी के कारण जल रहे गरीबों के घर जागरूकता अभियान से आग लगने की घटना में आयी है कमी सहरसा. कोसी पीड़ित इस जिले में आज भी फूस के घरों एवं झोपडपट्टी की संख्या शायद अन्य जिलों से काफी अधिक है. बाढ़ प्रभावित इलाके एवं ग्रामीण क्षेत्रों में फूस के घरों की संख्या अधिक रहने का कारण गरीबी व लगभग प्रतिवर्ष बाढ का आना भी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण उजड़ने व बसने का कार्य लगभग प्रतिवर्ष होने से फूस के घरों की संख्या यहां सबसे अधिक है. जहां आग लगने की घटनाएं भी जिले के अन्य जगहों की अपेक्षा अधिक होती है. हालांकि राज्य सरकार ने आग लगने से बचाव को लेकर सभी व्यवस्थाएं की है. बाढ प्रभावित क्षेत्रों में अग्निशमन वाहन की तैनाती सुनिश्चित की गयी है. अग्नि कांड के पीडित परिवारों को तत्काल राहत के साथ नगद राशि भी दी जाती है. इन सबके अलावे अग्निशमन विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए सुबह आठ बजे से पूर्व चूल्हे पर भोजन बना लेने व संध्या में सात बजे के बाद चूल्हे पर भोजन बनाने एवं खाना बनाने के बाद चूल्हे की आग को पूरी तरह बूझा देने को लेकर जागरूक किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी जिले में आग लगने की घटनाएं हो रही है एवं लाखों की क्षति हो रही है. आशियाना जलने से लोग खुले आकाश में रहने को विवश हो रहे हैं. पछुआ हवा के कारण इन दिनों आग लगने की घटनाएं बढ गयी है. पिछले लगभग एक महीने में सदर जिले में आग लगने की दस घटनाएं हुई हैं. जिनमें लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गयी है. जिसमें जान माल की भी क्षति हुई है. वहीं अधिकांश आग लगने की घटना चूल्हे की चिंगारी, गैस सिलेंडर या फिर बिजली की शॉर्ट सर्किट से हो रही है. चिन्हित स्थलों पर अग्निशमन वाहन हैं तैनात जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में आग लगने की घटनाएं अधिक होती है. जिसे देखते हुए इन क्षेत्रों में अग्निशमन वाहन की तैनाती की गयी है. जिससे किसी भी आग लगने की घटना को तत्काल रोका जा सके एवं पीड़ितों को कम से कम नुकसान हो. सदर अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी कन्हाई यादव ने बताया कि जिले में महिषी थाना, जलाई ओपी, नवहट्टा थाना, सौरबाजार थाना, सोनबरसा कचहरी ओपी में एक एक अग्निशमन के एमटी वाहन किसी भी विशेष परिस्थिति के लिए उपलब्ध रहते हैं. जिससे तत्काल आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके. वहीं सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में दो बड़ी एवं दो छोटी अग्निशमन वाहन उपलब्ध हैं. जिसके माध्यम से पूरे क्षेत्र में अग्निशमन वाहन समय पर पहुंचकर आग बुझाने का कार्य करती है. उन्होंने बताया कि सभी वाहनों पर अग्निशमन विभाग के ट्रेंड चालक तैनात रहते हैं. जो किसी भी परिस्थिति से जूझने के लिए प्रशिक्षित रहते हैं. उन्होंने बताया कि अग्निशमन वाहन के चालकों एवं संबंधित थाना का मोबाइल नंबर क्षेत्र में प्रचारित एवं प्रसारित किया जाता है. जिस पर सूचना देने के बाद तत्काल चिन्हित जगह पर अग्निशमन वाहन भेज दिया जाता है. संबंधित जगहों जहां अग्निशमन वाहन तैनात रहते हैं. वहां वाहन में पानी लेने सहित जरूरत की सभी सुविधा मुहैया करायी गयी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावे सदर अनुमंडल के फायर स्टेशन को भी सूचना दी जा सकती है. इसके माध्यम से तत्काल संबंधित को सूचित करते हुए वहां अग्निशमन वाहन पहुंचकर अपना कार्य करती है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र के विद्यालय, होटल, रेस्टोरेंट्स, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित भीडभाड वाले जगहों पर अग्निशमन विभाग के कर्मियों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जिससे आग लगने की घटनाओं में काफी कमी आयी है. इसके बावजूद भी कही कही आग लगने की घटनाएं हो रही है. इसका मुख्य कारण असावधानी है. खेती के कारण बढती है परेशानी जिले में खेती किसानी ही लोगों का आर्थिक आधार है. इस समय गेहूं एवं मक्के की कटाई व तैयारी के अलावे मूंग की बुआई का कार्य जिले में बड़े पैमाने पर होता है. खासकर गेहूं की कटाई एवं तैयारी अहले सुबह से शुरू हो जाती है. जिसके कारण खाना बनाने का काम दोपहर तब शुरू होता है जब पछुआ हवा तेज हो जाती है. जिससे चूल्हे की चिंगारी के उड़ने एवं आग लगने की घटना बढ जाती है. अहले सुबह उठकर पूरे परिवार के सदस्य गेहूं एवं मक्के काटने के लिए खेतों में चले जाते हैं. वहां से दोपहर लौटने के बाद घर में खाना पकाने का कार्य होता है. तेज पछुआ हवा के कारण चूल्हे की चिंगारी से आग लगने की घटना घटती है. अगलगी की बढ़ रही घटनाएं आग लगने की घटनाएं इन दिनों जिले में काफी बढ़ गयी है. आये दिन कहीं ना कहीं आग लगने की घटनाएं हो रही है. लेकिन गनीमत यह है कि जान-माल की बड़ी क्षति नहीं हुई है. पिछले फरवरी से लेकर अब तक जिले में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है. जिनमें गरीबों के फूस के घर, गोदाम, दुकान तक जले हैं. सदर अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी कन्हाई यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी आग लगने की घटनाएं हुई है. शहरी क्षेत्र में अधिकांश आग लगने की घटनाएं शॉट सर्किट या फिर गैस सिलेंडर लिकेज से हुई है. उन्होंने बताया कि सौरबाजार प्रखंड में दो आग लगने की घटना हुई. जिसमें एक आग लगने की घटना में एक बच्ची भी झुलसी थी. जबकि पालतू पशु भी झुलस गये थे. वहीं दूसरी घटना भूसा के ढेर में आग लगने की हुई. जिसमें जानमाल की क्षति नहीं हुई. वहीं महिषी, बनमा ईटहरी, सोनवर्षा, पतरघट एवं सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में भी आग लगने की घटना हुई है. जबकि शहरी क्षेत्र में आग लगने की छिटपुट घटना हुई है. फोटो – सहरसा 03 – सदर अनुमंडल स्थित अग्निशमन स्टेशन

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