अगले एक वर्ष में निर्माण हो जायेगा पूरा सहरसा . जिला मुख्यालय स्थित मत्स्यगंधा झील अब पर्यटकों व श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र बनेगी. केंद्र सरकार बिहार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत 98 करोड़ रुपये की लागत से इस झील के कायाकल्प का कार्य शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका शिलान्यास किया. वहीं जिलाधिकारी दीपेश कुमार व स्थानीय विधायक डॉ आलोक रंजन ने बुधवार को साइट पर जाकर कार्यारंभ की औपचारिक शुरुआत कर दी है. यह परियोजना झील को धार्मिक आस्था का प्रतीक बनायेगी व सहरसा को बिहार के पर्यटन मानचित्र पर चमकदार जगह दिलायेगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए 97.61 करोड़ राशि की मंजूरी दी है. इस झील के किनारे 400 मीटर लंबा घाट, वृत्ताकार ग्लास ब्रिज व विशाल पार्किंग का निर्माण होगा, जो राजगीर के मशहूर ग्लास ब्रिज की तर्ज पर बनेगा. बिहार का यह दूसरा ग्लास ब्रिज पर्यटकों के लिए रोमांच का केंद्र बनेगा. जिसमें अनुभव केंद्र, शौचालय, शिशु देखभाल कक्ष सहित स्मृति चिन्ह दुकानें, परावर्तन कुंड, संगीतमय फव्वारा, सेल्फी पॉइंट, भोजनालय, प्रशासनिक भवन, शहरी हाट, वृत्ताकार लॉन व भव्य मुख्य द्वार जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं. इससे यह झील आस्था का केंद्र भी बनेगा एवं राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल भी. इस परियोजना से सहरसा की स्थानीय अर्थव्यवस्था को नयी जान मिलेगी. हस्तशिल्प, होटल, परिवहन एवं गाइड जैसे क्षेत्रों में हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे. यह जिले के सर्वांगीण विकास का प्रतीक होगा. जहां ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग व बाजार से जोड़ा जायेगा. यह पहल बिहार को पर्यटन हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. मत्स्यगंधा झील पहले स्थानीय स्तर पर सीमित थी. लेकिन अब यह देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करेगी. कार्यान्वयन में पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर जोर दिया जा रहा है. जिससे 2026 तक पूरा हो सके. जिले के निवासियों के लिए यह ना सिर्फ आर्थिक उछाल लायेगा, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विरासत को नयी ऊंचाई भी देगा.
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