प्रतिदिन रामचरितमानस का हो रही नवाह पारायण सहरसा . सनातन श्री नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित श्रीराम महायज्ञ, संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन गुरुवार की कथा में रामनयन महाराज ने बताया कि माता सती ने अभिमान वश कुंभज ऋषि से श्रीराम की कथा को नहीं सुना व श्रीराम पर संदेह किया. उसके बाद माता सती बिना बुलाए अपने पिता के यज्ञ में गयी. भगवान शंकर का एवं अपना अपमान सहन नही कर सकी. योग अग्नि द्वारा अपने शरीर को जलाकर भस्म कर दिया. लेकिन माता सती ने दोबारा जन्म लिया व जिसके बाद हर-गौरी का विवाह आनंदपूर्वक संपन्न हुआ. हिमाचल ने कन्यादान दिया. विष्णु भगवान एवं अन्यान्य देव व देव-रमणियों ने नाना प्रकार के उपहार भेंट किये. ब्रह्माजी ने वेदोक्त रीति से विवाह कराया. कथा में विभिन्न प्रकार के झांकियों का दर्शन कराया गया. यज्ञ के मुख्य यजमान डॉ प्राणमोहन सिंह एवं डॉ नीलू सिंह ने पूजन व हवन का कार्य संपन्न किया. आचार्य डॉ नवनीत कुमार ने जानकारी देते कहा कि प्रतिदिन रामचरितमानस का नवाह पारायण किया जाता है. सवेरे आठ बजे से पूजन हवन का कार्य होता है तो संध्या चार बजे से संगीतमय श्रीराम कथा रामनयन महाराज के मुखारविंद से श्रद्धालु सुनकर लाभ उठा रहे हैं. समिति सदस्य सागर कुमार नन्हें ने बताया कि भक्तों की संख्या अत्यधिक होने कारण चारों तरफ बैठने का व्यवस्था बहुत ही उत्तम तरीके से करायी गयी है. किसी भी भक्त को कष्ट ना हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. कार्यकर्ताओं द्वारा महायज्ञ में बच्चों के मनोरंजन की भी व्यवस्था की गयी है. कई प्रकार के झूला लगाये गये हैं. वहीं कथा में मुख्य यजमान के साथ डॉ अमित कुमार एवं धर्मपत्नी डॉ वीनस के द्वारा आरती की गयी. महायज्ञ को सफल बनाने में मुख्य रूप से मुकेश सिंह, प्रशांत सिंह राजू, बुल्लू झा, पिंटू भगत टोपी वाला, प्रिंस सिंह, अंकित सिंह, अभिजीत रघुवंशी, मनीष चौपाल, गौरव सिंह, समीर सिंह मिठू, शिवम वर्मा, ईशान सिंह, राणा चौधरी, रौनक सिंह, मोनू महाकाल, विनय मिश्रा, अभिषेक गुप्ता, बिट्टू गुप्ता, रवि सिंह, ऋषभ झा, गोलू सिंह, रिशु सिंह, कपिल यादव, रामप्रवेश महादेव, ऋषभ सिंह, ज्योति सिंह, विजय बसंत, त्रिदेव सिंह, अरुण सिंह, सोना सिंह भदूरिया सहित अन्य लगे हैं.
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