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काॅलेज गेट पर पूर्वांचल दुर्गा मंदिर में होती है छह दशकों से मां दुर्गा की अराधना

काॅलेज गेट पर पूर्वांचल दुर्गा मंदिर में होती है छह दशकों से मां दुर्गा की अराधना

विजयादशमी को रावण वध देखने के लिए उमड़ती है भीड़ सहरसा . आगामी 22 सितंबर को कलश स्थापना के साथ नवरात्र की पूजा शुरू होगी. अगले 10 दिनों तक दुर्गा सप्तशती के पाठ से पूरा वातावरण धार्मिक बना रहेगा. दुर्गा पूजा को लेकर शहर के विभिन्न जगहों पर स्थित मंदिरों में पूजा आयोजन की तैयारी इन दिनों जोर शोर से चल रही है. पंडालों का निर्माण कार्य चल रहा है. जहां मां की मिट्टी की प्रतिमा का निर्माण होता है. वहां निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. पूजा कमेटी भी जोरशोर से सक्रिय है. शहर के पूरब बाजार कालेज गेट पर स्थापित पूर्वांचल दुर्गा मंदिर में दशकों से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. एमएलटी काॅलेज गेट के समीप मुख्य सड़क पर स्थापित मंदिर में वर्ष 1966 के दशक से लगातार पूजा हो रही है. शुरुआत में काॅलेज के प्राचार्य के आवास समीप पूजा-अर्चना शुरू की गयी थी. हरिनंदन सिंह, बैजनाथ सिंह, सिहेंश्वर सिंह, अमरेंद्र मिश्र, सुधीर वर्मा व अन्य के सहयोग से पूजा की शुरुआत की गयी. जब श्रद्धालुओं की धीरे-धीरे आस्था बढ़ने लगी, तब भीड़ को देखते हुए मां के पक्के मंदिर स्थापित करने की कवायद तेज हुई. 90 के दशक में पक्का मंदिर का निर्माण शुरू हुआ व 1998 में वैदिक रीति-रिवाज के साथ मां दुर्गा के भव्य संगमरमर की प्रतिमा को स्थापित किया गया. मंदिर कमेटी द्वारा बनारस से पंडितों को बुलाकर पूजा करायी जाती है. शाम में पूजा व आरती के दौरान बंगाल के ढाक बजाने वाले कलाकार अलग माहौल पैदा करते हैं. काॅलेज गेट मुख्य सड़क पर मंदिर स्थापित होने के कारण लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है. हालांकि मंदिर में अन्य दिन भी श्रद्धालुओं की भीड जुटती है. मैया सभी की मनोकामना पूर्ण करती हैं. रावण वध रहता है मुख्य आकर्षण काॅलेज गेट दुर्गा मंदिर का एक मुख्य आकर्षण रावण वध कार्यक्रम है. जो शहर में दूसरी जगह नहीं होता है. मंदिर कमेटी द्वारा 1999 से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते रावण वध का आयोजन शुरू किया गया. नवरात्र के अंतिम दिन विजयादशमी के मौके पर रावण वध का आयोजन देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. एमएलटी काॅलेज खेल मैदान में रावण के अलावा कुंभकर्ण व मेघनाद के विशालकाय पुतला दहन कार्यक्रम 25 वर्षो से जारी है. शहर में दस जगहों पर मिट्टी एवं संगमरमर की दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर पूजा होती है. लेकिन रावण वध सिर्फ काॅलेज गेट समीप ही होता है. विजयादशमी के दिन इसका उल्लास देखते ही बनता है. कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा झांकी निकाली जाती है. जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी पुतला दहन करते हैं.

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