सहरसा . जीविका दीदियां अब अपनी सफलता की कहानियां स्वयं लिखेगी, स्वयं सुनाएगी व आत्मविश्वास के साथ दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगी. आत्मनिर्भरता व आत्म-अभिव्यक्ति के इस नये अध्याय की शुरुआत करने के उद्देश्य से जीविका द्वारा दीदियों व सामुदायिक कैडरों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिससे वे अपनी उपलब्धियों को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त कर सके. इसी क्रम में शुक्रवार को जीविका कार्यालय बनमा इटहरी में प्रेरक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला की शुरुआत प्रबंधक संचार सुधा दास, बीपीएम अनुपम आनंद व सीसी सोनी कुमारी ने संयुक्त रूप से की. कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को सफलता की कहानी लेखन, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी व सामुदायिक संवाद जैसे विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी. प्रबंधक संचार सुधा दास ने कहा कि हर जीविका दीदी की यात्रा अपने आप में एक प्रेरणा है. इन कहानियों को शब्दों व चित्रों के माध्यम से सामने लाना ना केवल संगठन की साख बढ़ाएगा. बल्कि अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. बीपीएम अनुपम आनंद ने कहा कि आज की दीदी केवल आजीविका कमाने वाली महिला नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की वाहक बन चुकी है. उनकी कहानियां समाज में बदलाव का दर्पण है. सीसी सोनी कुमारी ने कार्यशाला के तकनीकी सत्र में प्रतिभागियों को लेखन के व्यावहारिक अभ्यास कराए व मोबाइल के माध्यम से वीडियो रिकॉर्डिंग के प्रभावी तरीकों की जानकारी दी. कार्यशाला में मौजूद दीदियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण उनके आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाने वाला रहा. उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपनी व अपने समूह की सफलता की कहानियां स्वयं लिखेंगी एवं समाज के सामने जीविका के वास्तविक परिवर्तन की तस्वीर पेश करेगी.
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