28.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा कफ सिरप का अवैध कारोबार

युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा कफ सिरप का अवैध कारोबार

15 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक के युवाओं को बहुत तेजी से ले रहा अपनी चपेट में ठोस व कड़ी कार्रवाई की है जरूरत पतरघट. सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद से देसी-विदेशी शराब के साथ साथ अब कफ सिरप का अवैध कारोबार इन दिनों युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है. कोरेक्स के शौकीन युवा इन दिनों सुबह-शाम चौक चौराहों पर स्थित चाय पान की गुमटियों में जमे रहते हैं. प्रशासनिक अधिकारियों की शिथिलता के कारण इससे जुड़े तस्कर बेखौफ होकर पतरघट बाजार, पस्तपार बाजार, गोलमा बैंक चौक, विशनपुर हटिया चौक, कहरा मोड़ चौक, जम्हरा काली स्थान चौक सहित सभी चौक चौराहों पर कम उम्र के युवाओं को उपलब्ध करवा रहे हैं. जिसके कारण इसकी इन दिनों जमकर बिक्री होती है. शराबबंदी से पूर्व सिर्फ दवा की दुकान में बिकने वाला कोरेक्स अब चाय पान की गुमटियों के साथ साथ किराना दुकान तक में बिकने लगा है. पहले शहर कस्बों तक उपलब्ध रहने वाला कोरेक्स अब गांव देहात में खेतों की पगडंडियों तक पहुंच गया है. जहां देखिए वहीं खाली बोतल का ढेर मिल जायेगा. कफ सिरप पर रोक अब अत्यंत आवश्यक हो गया है. क्योंकि यह 15 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक के युवाओं को बहुत तेजी से अपनी चपेट में लेकर उसके भविष्य ओर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लेकिन इस पर पूर्ण रूप से रोक लगाना स्थानीय पुलिस से संभव भी नहीं है. क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. पुलिस इसके सेवन करने वाले को नहीं पकड़ पायेगी, क्योंकि ब्रेथ एनलाइजर मशीन से कोरेक्स सिरप का सेवन करने वाले लोगों की जांच संभव ही नहीं है. प्रतिबंधित कफ सिरप कोरेक्स औषधि की श्रेणी में आता है. इसलिए औषधि नियंत्रण प्रशासन को इसके बिक्री पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाना पड़ेगा. क्योंकि लाइसेंसी व गली मुहल्ले में खुले गैर लाइसेंसी दवा दुकानदारों द्वारा भी इसकी धडल्ले से बिक्री की जा रही है. चाय पान की दुकान किराना दुकान सहित स्वतंत्र रूप से कोरेक्स एवं स्मैक का धंधा करने वाले कारोबारियों की बड़ी जमात खड़ी हो गयी है. लेकिन औषधि नियंत्रण प्रशासन के पास भी अभी तक उचित संसाधन नहीं के बराबर है. साथ ही विभाग सिर्फ लाइसेंसी दवा दुकानों में हीं कार्रवाई कर सकती हैं. कोरेक्स सिरप मिलने पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है. काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन व औषधि नियंत्रण प्रशासन को संयुक्त रूप से सघन अभियान चलाये जाने के साथ साथ इससे जुड़े कारोबारियों पर कड़े कानून लगाना होगा. पुलिस द्वारा अवैध कोरेक्स के आरोप में पकड़े गए कारोबारियों पर धारा 30 (ए) के तहत जबकि औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा पकड़ें जाने पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. उसमें भी जब्त कोरेक्स की मात्रा पर निर्भर करता है. प्रतिबंधित कफ सिरप की एमआरपी 132 रुपया मात्र है. लेकिन तस्कर इसें दो से ढाई सौ रुपया में बेचता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel