उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में वेबकास्टिंग के माध्यम से शुभारंभ कार्यक्रम से जुड़े छात्र-छात्रा सहरसा . पुनर्गठित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया. वहीं राज्य स्तर पर पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिला स्तर पर वेबकास्टिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त संजय कुमार निराला ने किया. जिला योजना पदाधिकारी विशाल राघव, जिला निबंधन व परामर्श केंद्र प्रबंधक डॉ राजीव रंजन, सहायक प्रबंधक अरविंद कुमार तिवारी एवं अन्य कर्मियों के साथ जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों ने विकास भवन सभाकक्ष में जिला स्तर पर उक्त कार्यक्रम में जुड़कर भाग लिया. जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों राजकीय पॉलिटेक्निक, सहरसा अभियंत्रण महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, विभिन्न महाविद्यालयों व विद्यालयों के विद्यार्थी भी अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान में वेबकास्टिंग के माध्यम से जुड़कर जानकारी प्राप्त की. राज्य सरकार के सात निश्चय में से एक आर्थिक हल युवाओं को बल के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 से मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का कार्यान्वयन जिला में स्थित जिला निबंधन व परामर्श केंद्र कार्यालय के माध्यम से कराया जा रहा है. दो अक्तूबर 2016 से प्रारंभ किये गये इस योजना के तहत बिहार राज्य के 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण बेरोजगार युवक-युवतियां जो आगे की पढ़ाई नहीं किये हो एवं ना ही कर रहे हों को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर प्रत्येक माह एक हजार रुपये की दर से स्वयं सहायता भत्ता अधिकतम दो वर्षों तक दिया जाता है. सात निश्चय दो कार्यक्रम में भी इस योजना को जारी रखते हुए वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक विस्तारित किया गया है. राज्य सरकार द्वारा पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के लाभुकों के शैक्षणिक योग्यता में स्नातक कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय से उत्तीर्ण को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है. अब इस योजना के तहत 20 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थानों से स्नातक कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय से उत्तीर्ण एवं स्वरोजगार, सरकारी, निजी, गैर-सरकारी नियोजन प्राप्त नहीं किये है, कहीं अध्ययनरत नहीं है एवं रोजगार की तलाश कर रहे है, को भी एक हजार रुपये प्रति माह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक इस योजना का लाभ देय होगा. स्वयं सहायता भत्ता की राशि प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों को रोजगार, स्वरोजगार के लिए क्षमतावर्धन को लेकर श्रम संसाधन विभाग द्वारा निशुल्क कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा. इस योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्नातक उत्तीर्ण लाभुकों की संख्या कुल पांच लाख संभावित है. जिस पर कुल तीन सौ करोड़ रूपये मात्र व्यय का अनुमान है.
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