अधर में सहरसा में एम्स निर्माण का सपना लटक सकता है. 29 फरवरी को सरकार की चिट्ठी निर्गत हुई थी. डीएम ने डीसीएलआर को निर्देश दिया था. जबकि डीसीएलआर ने कहा, 100 एकड़ की व्यवस्था ही हो पायी है.
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दो माह में दो सौ एकड़ जमीन नहीं जुटा सका प्रशासन
अधर में सहरसा में एम्स निर्माण का सपना लटक सकता है. 29 फरवरी को सरकार की चिट्ठी निर्गत हुई थी. डीएम ने डीसीएलआर को निर्देश दिया था. जबकि डीसीएलआर ने कहा, 100 एकड़ की व्यवस्था ही हो पायी है. सहरसा मुख्यालय : सहरसा में एम्स निर्माण का सपना अधर में लटक सकता है. राज्य सरकार […]
सहरसा मुख्यालय : सहरसा में एम्स निर्माण का सपना अधर में लटक सकता है. राज्य सरकार द्वारा दौ सौ एकड़ जमीन की उपलब्धता की जानकारी मांगे जाने के दो माह बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है. दरअसल अभी तक प्रशासन को इतनी जमीन की व्यवस्था नहीं हो सकी है.
अधिकारी बताते हैं कि आवश्यकता से आधी जमीन की ही व्यवस्था हो पायी है. पूरी उपलब्धता के बाद ही रिपोर्ट भेजी जायेगी. प्रशासन की लेटलतीफी से कहीं ऐसा न हो कि सहरसा से पहले कोई और जिला जमीन की उपलब्धता एवं अन्य आवश्यकताओं से संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेज दे. क्योंकि यही चिट्ठी राज्य के अन्य 26 जिलों को भी भेजी गई है.
29 फरवरी को आयी थी चिट्ठी : केंद्र सरकार द्वारा बिहार में दूसरे एम्स निर्माण की घोषणा के बाद राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 29 फरवरी को ही 200 एकड़ जमीन की उपलब्धता से संबंधित चिट्ठी राज्य के 27 जिलों के डीएम को भेजी थी. सात मार्च को गोपनीय प्रशाखा की मुहर लगने के बाद इसे सामान्य शाखा भेजा गया.
नौ मार्च को डीएम ने डीसीएलआर को वार्ता के लिए लिखा एवं 17 मार्च को सामान्य शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने डीसीएलआर को सरकार के पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते एम्स निर्माण संबंधित विषय पर डीएम से वार्ता सुनिश्चित करने की बात कही थी. लेकिन पत्र प्राप्ति व जिलाधिकारी से वार्ता के डेढ़ माह बाद भी न तो आवश्यक जमीन उपलब्ध करायी गई और न ही सरकार को रिपोर्ट ही भेजी गई.
भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) राजीव कुमार ने पूछने पर बताया कि जिले में राज्य के दूसरे एम्स निर्माण संबंधित सरकार का पत्र भी मिला और डीएम से इसके लिए 200 एकड़ जमीन की उपलब्धता से संबंधित वार्ता भी हुई. उन्होंने बताया कि शहर के इर्द-गिर्द अब तक आवश्यकता से आधी यानी एक सौ एकड़ जमीन की ही व्यवस्था हो पायी है.
इसके अतिरिक्त एक सौ एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में वे प्रयासरत हैं. 200 एकड़ भूमि उपलब्ध होने के बाद ही डीएम के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी. डीसीएलआर श्री कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव में व्यस्तता के कारण भूमि की उपलब्धता से संबंधित कार्य में विलंब हुआ है.
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