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नशामुक्ति केंद्र : दस अतिरिक्त बेड का निर्माण हुआ शुरू

15 दिन में चार दर्जन शराबी पहुंचे नशामुक्ति केंद्र दो मरीज हुए हैं भरती सहरसा सिटी : एक अप्रैल को सदर अस्पताल में हुए डीएडिक्शन सेंटर के उद्घाटन के 15 दिन बाद चार दर्जन शराबी अपना लत छुडाने के लिए केंद्र में चिकित्सक से परामर्श किया है. वही दो मरीज को भरती भी किया गया […]

15 दिन में चार दर्जन शराबी पहुंचे नशामुक्ति केंद्र

दो मरीज हुए हैं भरती
सहरसा सिटी : एक अप्रैल को सदर अस्पताल में हुए डीएडिक्शन सेंटर के उद्घाटन के 15 दिन बाद चार दर्जन शराबी अपना लत छुडाने के लिए केंद्र में चिकित्सक से परामर्श किया है. वही दो मरीज को भरती भी किया गया है. शराबबंदी का असर शराब पीने वालों पर दिखने लगा है. वहीं शराब की लत छुड़ाने के लिए दर्जनों लोग नशामुक्ति केंद्र पहुंच रहे हैं.
जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह लगातार केंद्र पर नजर रख रहे हैं. वही केंद्र में तैनात चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार, डॉ मिथिलेश सिंह, डॉ उमर फारूक सहित , कर्मी अरूण मिश्रा, अजय झा केंद्र आने वाले मरीजों को शराब के सेवन से होने वाले हानि से अवगत करा रहे है.
नियत है मरीज की दिनचर्या : उदघाटन के दस दिन बाद तक एक भी शराब के आदतन मरीज भरती नहीं हुए हैं. बावजूद यदि कोई भरती होगा तो उसके दिनचर्या के अनुसार व्यवहार किया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी निर्देश के अनुसार भरती मरीज को सुबह सात बजे चाय व बिस्कुट, साढ़े सात बजे योगा व व्यायाम, साढ़े आठ बजे स्नान, नौ बजे नाश्ता, दस बजे चिकित्सक का वार्ड राउंड, साढ़े ग्यारह बजे परामर्श, साढ़े बारह बजे रिक्रिएशनल, एक्टिविटी, डेढ़ बजे खाना, चार बजे चिकित्सक का वार्ड राउंड, पांच बजे चाय, छह से आठ बजे तक टीवी, आठ बजे खना दिया जायेगा.
दस सवालों का देना पड़ता है जबाव: शराब की लत छुड़ाने के लिए नशामुक्ति केंद्र पहुंचने वाले लोगों से परामर्शी द्वारा दस सवाल पूछे जाते हैं. परामर्शी द्वारा आदतन शराबी से शराब का सेवन कितने बार करते हैं. एक बार में कितनी मात्रा का सेवन करते हैं. एक अवसर पर छह या अधिक इकाइयों का सेवन कितनी बार किया है.
एक वर्ष में कितनी बार महसूस किया कि आप शराब के सेवन को रोक नहीं पा रहे हैं. कितनी बार अनुभव किया कि पिछले एक वर्ष में सुबह-सुबह कितने शराब का सेवन किया है. कितनी बार शर्मिंदगी महसूस की है सहित दस सवालों का जबाव मरीजों को देना पड़ता है. जिसे परामर्शी नियत कॉलम में भर उन्हें शराब सेवन से होने वाली हानि से अवगत करा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाते हैं.
अतिरिक्त बेड का निर्माण शुरू : सदर अस्पताल में खोले गये दस बेड वाले नशामुक्ति केंद्र को अपग्रेड कर सरकार के निर्देश पर 20 बेड को करने का कार्य शुरूकर दिया गया है. केंद्र के बगल में स्थित चक्षु वार्ड को केंद्र का रूप दिया जा रहा है. कार्य करा रहे ने बताया कि जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
लोग हो रहे हैं जागरूक
चार दर्जन की काउंसेलिंग
सरकार के निर्देश पर एक अप्रैल को सदर अस्पताल के पूर्वी भाग में खोले गये नशामुक्ति केन्द्र पर उदघाटन के बाद से ही शराब की लत छुड़ाने के लिए लोगों का आना शुरू हो गया. केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार एक अप्रैल को दो, दो अप्रैल को दो, तीन अप्रैल को एक, चार अप्रैल को तीन, पांच अप्रैल को पांच, छह अप्रैल को चार, सात अप्रैल को दो, आठ अप्रैल को दो, नौ अप्रैल को नौ व 15 दिन बाद तक चार दर्जन लोग लत छुड़ाने पहुंचे है. वही भेलवा के एक व सहरसा बस्ती के एक व्यक्ति को भरती करवाया गया है.
छह प्रकार की होती है जांच
सरकार के निर्देश पर जिला व पीएचसी स्तर पर छह प्रकार की जांच की व्यवस्था की गयी है. केंद्र आने वाले लोगों का ब्लड, सुगर, सीरियम ब्लिरूबिन, एसजीपीटी, एसजीओटी, सीबीसी, पीएच की जांच की जायेगी. वहीं मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर डाइजेपेय व लोराजीपेय का टेबलेट व इंजेक्शन, बीकम्पलेक्स इंजेक्शन, बिटामीन टेबलेट, डिजलफर्म टेबलेट, नेट्रोजन टेबलेट, पेंटा प्रोजोल, निकोटिन गय, सोडियम बायकार्बोनेट फोमपाइजोल, आरएल दिया जा रहा है.

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