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चार हजार घरों में वृक्ष लगा चुके हैं ओमप्रकाश

चार हजार घरों में वृक्ष लगा चुके हैं ओमप्रकाश पॉजिटिव स्टोरी(संडे अंक के लिए)————-पेड़ वाले ओमप्रकाश की है अपनी पहचानकुमार आशीष/ सहरसा नगरग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए पूरी दुनियां में पर्यावरण को संरक्षित करने वाली संस्था व उससे जुड़े लोग संघर्ष कर रहे हैं, वहीं कोसी में पले बढ़े 65 वर्षीय ओमप्रकाश गुप्ता ने […]

चार हजार घरों में वृक्ष लगा चुके हैं ओमप्रकाश पॉजिटिव स्टोरी(संडे अंक के लिए)————-पेड़ वाले ओमप्रकाश की है अपनी पहचानकुमार आशीष/ सहरसा नगरग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए पूरी दुनियां में पर्यावरण को संरक्षित करने वाली संस्था व उससे जुड़े लोग संघर्ष कर रहे हैं, वहीं कोसी में पले बढ़े 65 वर्षीय ओमप्रकाश गुप्ता ने हरियाली को ही अपना जुनून बना लिया. कोसी के घर-घर में खाली पड़ी जमीन को फलदार वृक्ष से पाटने का फैसला कर लिया. शुरुआती दिनों में ओमप्रकाश के इस कार्य को लोग हल्के में लेते थे. लेकिन समय के साथ इनका यह अभियान जिले की पहचान बन गयी. बीस हजार के लक्ष्य को किया पूरा बीस हजार फलदार वृक्ष लगाने के लक्ष्य को पूरा कर ग्लोबल वार्मिंग से मुकाबला करने की सोच रखने वाले ओमप्रकाश गुप्ता अब सहरसा ही नहीं, राज्य में एक नई पहचान और प्रेरणा बन चुके हैं. नौ जनवरी 1950 को मुंगेर में जन्मे ओमप्रकाश मूल रूप से बिहार शरीफ के निवासी हैं. श्री गुप्ता 1964 ई. में सहरसा आये. कोसी क्षेत्र विकास प्राधिकार काडा में सरकारी नौकरी से जुड़े. स्थानीय डीबी रोड के स्थायी निवासी बन कर सेवा में रहते हुए ओमप्रकाश गुप्ता ने वर्ष 2001 ई. से पर्यावरण से प्रेम को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और तन-मन-धन से वृक्षारोपण के कार्य में जुट गये. गायत्री परिवार के साधक होने के कारण श्री गुप्ता को यह प्रेरणा पं श्री राम शर्मा आचार्य के संदेशों से मिली. प्रदूषण को कम करने व पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये श्री गुप्ता ने अपने जीवन में बीस हजार फलदार वृक्षों को लगाने का लक्ष्य रखा. जिनमें से अब तक कई वृक्ष फल व छाया दे रहे हैं. पिछले बारह वर्षों में ये अब तक चार हजार घरों में स्वयं जाकर वृक्ष लगा चुके हैं. सारी कमाई लगा दी अभियान मेंओम प्रकाश गुप्ता न तो किसी एनजीओ से जुड़े हैं और न ही इन्हें सरकारी अथवा गैर सरकारी मदद मिली है. हालांकि इनके वृक्ष प्रेम से प्रसन्न होकर 15 अगस्त, 2004 को कमिश्नर सी लालसोता की अनुशंसा पर तत्कालीन मंत्री अशोक कुमार सिंह के हाथों पुरस्कृत किया गया. समाज सेवा के उद्देश्य व मानव, पशु प्रेम के कारण 47 वर्षीय ओम प्रकाश ने दर्जनों स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कराया है. उन्होंने अपने नौकरी के दौरान अर्जित धन को अभियान में लगा दिया. दुनियां मानेगी भारत का लोहाश्री गुप्ता कहते हैं कि वृक्षारोपण के प्रति हरेक नागरिक को सजग हो कर अपने जीवन काल में अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन काल में कम से कम सौ पेड़ लगाने चाहिए. उन्होंने कहा कि अभियान को नि:स्वार्थ चलाने से आगामी दस वर्ष के बाद दुनियां के सभी देश हरियाली के मंच पर भारत का लोहा मानेंगे. फोटो- ओम प्रकाश गुप्ता

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