सहरसा : नगरराजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सहरसा व यहां की समस्या हमेशा कोसी सहित सूबे की राजनीति को प्रभावित करती आयी है. बंगाली बाजार में ओवरब्रिज की मांग लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी गूंजती रही है. इन मांगों के सहारे क्षेत्र के दर्जनों लोग देश व राज्य के सदनों में पहुंचते रहे हैं.
हालांकि उनके प्रयास से गाड़े गये शिलान्यास के पत्थर को देख लोग बंगाली बाजार में ओवरब्रिज निर्माण की उम्मीद जगा बैठे थे. प्रभात खबर द्वारा की जा रही राय शुमारी में यह बात प्रमुखता से सामने आ रही है कि सांसद व विधायक बनने के बाद जनप्रतिनिधि जनता के कष्ट को भूल जाते हैं. पाठकों का स्पष्ट मानना है कि पूर्व के सभी चुनावों में स्थानीय जनता को राजनीतिक दल व उनके प्रतिनिधियों द्वारा ठगा जाता रहा है.
लोगों का कहना है कि बगैर राज्य सरकार के सहयोग से ओवरब्रिज का निर्माण संभव नहीं है. सड़क जाम से होती है परेशानीकंदाहा के संजीव झा कहते हैं कि बंगाली बाजार में ओवरब्रिज की नितांत जरूरत है, सभी को मिल कर विकास की लड़ाई लड़नी चाहिए. सोनवर्षाराज के अमिर राम कहते हैं कि ओवरब्रिज जनता की मांग है, जनप्रतिनिधियों को संघर्ष करना होगा. सहरसा के ज्ञानेंद्र सिंह कहते हैं कि ओवरब्रिज के मुद्दे पर जनप्रतिनिधि जनता को भ्रमित कर रहे हैं.
सिमरी बख्तियारपुर के राजेश कहते हैं कि धमारा हादसे की तरह ही प्रशासन व जनप्रतिनिधि को बंगाली बाजार में हादसे का इंतजार है. रजनीश कहते हैं कि ओवरब्रिज नहीं बनाना था तो तीन बार शिलान्यास ही क्यों किया, जब किया है तो बनाना होगा.सुनिये सरकारप्रभात खबर द्वारा शहर में ओवरब्रिज की मांग को लेकर आप पाठकों के सहयोग से चार वर्षों में कई निर्णायक लड़ाई लड़ी गयी है.
इसका परिणाम है कि अब निर्माण का अड़ंगा समाप्त होने लगा है. अब जरूरत है हम, आप व राज्य सरकार के सजग होने की. सड़क जाम से जुड़े अनुभव व तसवीर हमसे साझा करें. फोन व व्हाट्सएप नंबर: 94318-07274 – यह तस्वीर गंगजला चौक की शाम छह बजे की है, जिसे हमारे पाठक रत्नेश झा ने भेजी है.