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पार्ट टू का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण, दोषी कौन!

पार्ट टू का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण, दोषी कौन! – दुबारा कॉपी जांच का नियम नहीं होने के कारण विवि प्रशासन दुविधा में- कॉपी जांच के लिए चैलेंज करने का छात्रों के लिए खुला है तीसरा विकल्प – फोटो- कैंपस 1कैप्शन- छात्रों के साथ वार्ता के क्रम में कुलपति ने दिये थे दो विकल्प प्रतिनिधि.मधेपुरा.भूपेंद्र नारायण मंडल […]

पार्ट टू का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण, दोषी कौन! – दुबारा कॉपी जांच का नियम नहीं होने के कारण विवि प्रशासन दुविधा में- कॉपी जांच के लिए चैलेंज करने का छात्रों के लिए खुला है तीसरा विकल्प – फोटो- कैंपस 1कैप्शन- छात्रों के साथ वार्ता के क्रम में कुलपति ने दिये थे दो विकल्प प्रतिनिधि.मधेपुरा.भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में इन दिनों पार्ट टू के छात्रों का आंदोलन चल रहा है. हालांकि सोमवार को कुलपति डा विनोद कुमार के साथ छात्रों की हुई वार्ता के बाद तत्काल छात्रों का आंदोलन थम गया. लेकिन चुनाव बाद छात्रों का आंदोलन उग्र रूप ले सकता है. पार्ट टू के रिजल्ट को लेकर विवि परिसर की सरगरमी भी तेज हो गयी है. वार्ता के दौरान कुलपति ने छात्रों के सामने दो विकल्प रखे, जिससे छात्रों की समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है. इन सबके बीच विवि परिसर में यह चर्चा ने जोर पकड़ ली है कि पार्ट टू का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण निकला तो इसके लिए दोषी कौन हैं! वार्ता के दौरान यह बातें खुल कर सामने आयी कि विवि प्रशासन पार्ट टू के उत्तर पुस्तिका की जांच विवि स्तर पर कराने के पक्ष में नहीं थी. लेकिन शिक्षक संघ व छात्र संगठन के दबाव में विवि प्रशासन ने उत्तरपुस्तिका की जांच का निर्णय लिया. विवि प्रशासन यह तर्क दे रही है कि पार्ट थर्ड की कॉपी जांच जब विवि से बाहर करायी गयी तो छात्रों का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा. लेकिन छात्रों ने ही कॉपी की जांच बाहर नहीं कराने के लिए आंदोलन किया था. इस स्थिति में विवि प्रशासन कहां दोषी है. कुलपति के साथ वार्ता के क्रम में छात्रों ने कहा कि कुछ छात्रों को किसी किसी विषय में एक दो या जीरो नंबर दिया गया है, जबकि छात्रों ने सभी प्रश्नों के उत्तर लिखे थे. लेकिन सवाल यह है कि अगर परीक्षा परिणाम त्रुटिपूर्ण है तो विवि प्रशासन प्रोमोटेड छात्रों की दुबारा कॉपी जांच की मांग पर हाथ खड़े क्यों कर रही है. छात्रों की मानें तो आधे से अधिक छात्रों को या तो फेल कर दिया गया है या छात्र प्रोमोटेड हैं. छात्रों के भविष्य को देखते हुए विवि प्रशासन का निर्णय महत्वपूर्ण है. हालांकि छात्र अपनी मार्किग से असंतुष्ट हैं तो वे कॉपी जांच के लिए चैलेंज के विकल्प को भी अपना सकते हैं.

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