विश्वासघात रैली के मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सहित पूर्व मंत्रियों के निशाने पर रहे नीतीश
जदयू ने भाजपा के साथ गंठबंधन तोड़ जनता को ठगने का काम किया है
सहरसा:
शनिवार को शहर के पटेल मैदान में आयोजित विश्वासघात रैली को संबोधित करते श्री पांडेय ने कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-जदयू गठबंधन व सुशील-नीतीश में आस्था जताते बहुमत दिया था. जिसका नीतीश कुमार ने अपमान करने का काम किया है. जवाब राज्य की जनता 27 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में जमा होकर देगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन टूटने के बाद राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, शासन से त्रस्त जनता केंद्र में भी कांग्रेस मुक्त व नरेंद्र युक्त सरकार चाहती है, जनता ने अपना निर्णय ले लिया है. मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार ने किसानों के साथ भी धोखा किया है, डीजल के बढ़ते कीमत इसके उदाहरण है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विशेष राज्य का झुनझुना लेकर लोगों को ठगने का काम कर रहे है. जबकि भाजपा विशेष राज्य की शुरू से ही पक्षधर रही है. लेकिन इससे पहले विशेष पैकेज की मांग करती है.
गंठबंधन से नीतीश को पहचान
सांसद व राष्ट्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा कि राजग गठबंधन में शामिल होने के बाद ही नीतीश कुमार को पहचान मिल पायी, जिसे पूरा देश जानता है, आज वर्तमान में नीतीश कुमार व जदयू के लोग बहुमत को नीतीश का असर मान प्रचारित करते है. जबकि नीतीश सरकार जुगाड़ पर चल रही है, जिसमें भ्रष्टाचार का रिकार्ड बनाने वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन लिया गया है.
श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने महादलितों को भी जमीन व घटिया किस्म की रेडियो के नाम पर ठगने का काम किया है. रैली को संबोधित करते पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि मृगतृष्णा के शिकार नीतीश कुमार के टायर की हवा निकलने वाली है. उनके पास संवेदना नहीं है, सिर्फ दिखावापन है. उन्हें नरेंद्र मोदी की नहीं, खुद की चिंता करने की जरूरत है. कोसी की दो लोकसभा सीट को इस बार वह कैसे बचा पायेंगे, इसकी चिंता करें. जब नीतीश जी रेल मंत्री थे तब गुजरात में ट्रेन जली, तब वहां नहीं गये. उस समय उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया. अब तो यकीन हो गया है कि लालू यादव अगर नागनाथ हैं तो नीतीश कुमार सांपनाथ.
अराजक स्थिति के जिम्मेदार नीतीश : सिग्रीवाल
गठबंधन टूटने के बाद जो अराजक स्थिति उत्पन्न हुई है, इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. गैर कांग्रेसवाद का सहारा लेकर पहले केंद्र में मंत्री और राज्य में दो बार मुख्यमंत्री बने. अब उसी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गये हैं. रैली को संबोधित करते पूर्व मंत्री जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि अटल जी ने एक सांसद की कमी की वजह से सरकार से इस्तीफा दे दिया था. अभी केंद्र और राज्य में जोड़ तोड़ कर सरकार चलाने का जुगाड़ किया जा रहा था.
अहंकार हो गया है मुख्यमंत्री को
जदयू कहता है कि नीतीश कुमार को देख कर बिहार का जनादेश मिला. 1977 में उन्हें कोई पूछता नहीं था. 77 व 80 दोनों का चुनाव वह हार गये. भाजपा से गठबंधन होने के बाद अटल जी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया.
अगर नीतीश कुमार के चेहरे को देख कर ही जनादेश मिला होता तो 30 साल पहले तो उनका चेहरा श्रीदेवी की तरह खूबसूरत रहा होगा. फिर अपनी सीट भी क्यों न बचा सके वह. जब बीजेपी के सहयोग से सरकार बनी तो उन्हें अहंकार हो गया. रावण का अहंकार जब नहीं रहा तो आपकी क्या बिसात है. 2014 के लोकसभा चुनाव में ही उनका यह अहंकार टूट जायेगा. स्थानीय विधायक डॉ आलोक रंजन ने रैली में मौजूद लोगों की भीड़ का अभिनंदन करते कहा कि रैली में जुटी भीड़ बता रही है कि जनता अब जवाब देना चाहती है.
गरीब व चाय बेचने वाले का बेटा आगे बढ़े, यह नीतीश कुमार से बर्दास्त नहीं हुआ तो छल प्रपंच का सहारा लिया. वह मुसलमानों की बात करते हैं. गुजरात में तीन बार की लगातार जीत मुसलमानों के बगैर सहयोग से संभव नहीं हुई है. जबकि अहंकारी हो गये नीतीश कुमार अपनी मनमानी और विशेष इच्छा में रूकावट की वजह से गठबंधन को तोड़ दिया. लेकिन वह यह नहीं जानते क छल प्रपंच कर कोई भी बागडोर देर तक नहीं संभाल सका है. रैली को संबोधित करते प्रदेश कोषाध्यक्ष सह क्षेत्रीय प्रभारी दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि लालू यादव के जंगलराज से बिहार में परिवर्तन लाने के लिए भाजपा नीतीश को लेकर आगे आयी, लेकिन नीतीश कुमार विश्वासघाती निकले. वर्तमान सरकार में पैसा और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. राजद के अधिकांश लोग अब जदयू में शामिल होने लगे हैं.
ऐसा लगता है कि लालू यादव का शासनकाल फिर लौटने लगा है. नरेंद्र मोदी ही देश व राज्य को इस अराजक स्थिति से निकाल सकते हैं. रैली को संबोधित करने वालों में विधायक दमयंती देवी, कृष्ण कुमार ऋषि, पूर्व विधायक संजीव कुमार झा सहित विजय चौधरी, प्रभाकर टेकरीवाल, नागेंद्र सिंह, आनंद मिश्र, शालिग्राम देव, , मो तुफेल कादरी, शंभु नाथ झा शामिल थे. वहीं कार्यक्रम में पार्टी के वरीय नेता अशोक कुमार झा, सहकारिता मंच के जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार झा, उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह, मीडिया प्रभारी शिवभूषण सिंह, कोषाध्यक्ष राजीव भगत, शशिशेखर सम्राट, मिहीर कुमार झा, अमित झा, राजेश कुमार वर्मा, आरती सिंह, शिवेंद्र सिंह जीसू, विजय बसंत, संजय कुमार वशिष्ट, युगल किशोर भीमसेरिया, हीरेंद्र मिश्र हीरा, राजीव रंजन साह सहित अन्य मौजूद थे. इसके पूर्व पार्टी के नेताओं द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र व माला से स्वागत किया गया. स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष राजीव रंजन ने दिया.