सहरसा : जिले के नियोजित प्रारंभिक शिक्षक संगठन बिहार राज्य संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इस कारण जिले के 1276 प्रारंभिक विद्यालय में ताले लटके रहे. विद्यालय की घंटी नहीं बजी. एमडीएम नहीं बने व बच्चे विद्यालय से अनुपस्थित रहे.
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नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों की हड़ताल शुरू सभी 1276 विद्यालयों में लटका रहा ताला
सहरसा : जिले के नियोजित प्रारंभिक शिक्षक संगठन बिहार राज्य संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इस कारण जिले के 1276 प्रारंभिक विद्यालय में ताले लटके रहे. विद्यालय की घंटी नहीं बजी. एमडीएम नहीं बने व बच्चे विद्यालय से अनुपस्थित रहे. नियोजित शिक्षकों ने सभी प्रारंभिक विद्यालयों में […]
नियोजित शिक्षकों ने सभी प्रारंभिक विद्यालयों में जबरन तालाबंदी कर दी. और हड़ताल पर नहीं रहने वाले नियमित शिक्षकों को विद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इससे नियमित शिक्षकों ने बीआरसी में अपना योगदान दिया. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष निरंजन कुमार ने बताया कि हड़ताल पूर्णरूपेण सफल रही. जिले के एक भी प्रारंभिक विद्यालय नहीं खुले. सभी विद्यालयों में तालाबंदी रही. बच्चे विद्यालय से अनुपस्थित रहे.
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार संगठन की बात नहीं मानती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि पांच सूत्री मांगों को लेकर नियोजित प्रारंभिक शिक्षक संघ के सभी संगठनों द्वारा विद्यालय कार्य का पूरी तरह बहिष्कार करते हुए विद्यालय में तालाबंदी की है. वहीं तालाबंदी के दौरान नियमित शिक्षकों को भी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया है.
जिलाध्यक्ष बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ शैलेश कुमार झा ने कहा कि जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में तालाबंदी का व्यापक असर रहा. संगठन समन्वय समिति के आह्वान पर जिले के सभी विद्यालयों में अनिश्चितकालीन तालाबंदी प्रथम दिन से ही शतप्रतिशत सफलता रही. विद्यालय के कार्यालय में तालाबंदी के साथ साथ अधिकतर विद्यालय को सीलबंद भी कर दिया गया है.
शिक्षकों ने विद्यालय में की तालाबंदी: सत्तरकटैया. मैट्रिक परीक्षा का बहिष्कार करते हुए प्राथमिक व मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षक सोमवार से हड़ताल पर चले गये हैं. जिसके कारण प्रखंड के सभी विद्यालयों में ताला लटका रहा. सरकार एवं जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद शिक्षकों ने हड़ताल व तालाबंदी की है.
अनिश्चितकालीन हड़ताल का दिखा असर: सलखुआ. प्रखंड के सभी विद्यालय में नियोजित शिक्षक के वेतनमान की मांग को लेकर सोमवार को तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर दिखा. शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से विद्यालयों में पठन-पाठन ठप हो गया.
वहीं बच्चों को ज्ञान के अभाव में सही जानकारी नहीं होने के कारण विद्यालय आकर बिना पठन पाठन के लौटना पड़ा. विद्यालय में एमडीएम भी नहीं बना. शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में तालाबंदी कर हड़ताल में शिक्षक शामिल हुए हैं. विद्यालय में पठन-पाठन पूरी तरह से ठप है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों नहीं मानी जाती, वे हड़ताल पर रहेंगे. वहीं कोसी दियारा के पूर्वी कोसी तटबंध के चिरैया अलानी धाप व अन्य शत प्रतिशत विद्यालय बंद पाया गया.
शिक्षकों की हड़ताल से विद्यालय रहा बंद: नवहट्टा. शिक्षकों की हड़ताल से प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालयों में सोमवार को ताला लटका रहा और घर से जो बच्चे विद्यालय पठन-पाठन करने गये. उन्हें उदास होकर घर लौटना पड़ा.
प्रखंड क्षेत्र के एनपीएस विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय में सोमवार को ताला लटका रहा. शिक्षक संघ एवं सरकार के बीच की लड़ाई का खामियाजा गरीब लोगों के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. गरीब लोगों के बच्चे पठन-पाठन से वंचित हो रहे हैं. वहीं शिक्षक संघ के प्रखंड मीडिया प्रभारी बिंदु पन्ना ने बताया कि संघ के द्वारा जो निर्णय लिया जायेगा. वही हमलोगों के लिए महत्वपूर्ण है. जब तक सरकार के द्वारा हमलोगों की मांग नहीं मानी जाती, तब तक हमलोग हड़ताल पर बने रहेंगे.
स्कूलों में लटके रहे ताले: सिमरी बख्तियारपुर. अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सोमवार को ज्यादातर विद्यालयों में पठन पाठन बाधित रहा. कई विद्यालयों पर सुबह से ताले बंद रहे और बच्चों को वापस घर लौटना पड़ा. नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए बाइक जुलूस निकाला, विद्यालयों में तालाबंदी करायी.
सूत्रों की मानें तो तालाबंदी कराने वाले शिक्षकों में कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जो हड़ताल पर होने का दावा कर रहे हैं, जबकि स्कूल में अपनी उपस्थिति बना रहे हैं. वहीं नियमित शिक्षक द्वारा विद्यालय खोले जाने पर नियोजित शिक्षक पहुंचकर जबरन विद्यालय को बंद कराया. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष सुदर्शन कुमार गौतम ने बताया कि सरकार और शिक्षकों के बीच टकराव ठीक नहीं है.
सरकार को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए. शिक्षक अभिवंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा देकर मुख्यधारा मे लाते हैं. शिक्षक ही राष्ट्रनिर्माता, समाज सुधारक, पथ प्रदर्शक होते हैं. लेकिन हमलोग अपने समान काम के समान वेतन की मांग करते हैं तो सरकार ध्यान नहीं देती है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब से हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा.
90 प्रतिशत शिक्षक गये हड़ताल पर: सौरबाजार. विभिन्न मांगों को लेकर प्रखंड क्षेत्र करीब 90 प्रतिशत प्रारंभिक शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से शिक्षण कार्य प्रभावित रहा. बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष जवाहर प्रसाद यादव ने कहा कि प्रखंड क्षेत्र के आंशिक शिक्षकों को छोड़कर करीब 90 प्रतिशत प्रारंभिक शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं. जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल अनिश्चितकालीन रूप से जारी रहेगी. बताया कि पूरे प्रदेश में मांगों को लेकर एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है.
जो बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति के रूप में आंदोलन की दिशा व दशा तय करेगी. इसके लिए सौरबाजार प्रखंड इकाई के तहत सभी प्रारंभिक शिक्षक बतौर सदस्य के रूप में भागीदारी दे रहे हैं. हालांकि आंशिक विद्यालयों में नियमित शिक्षक समय सारिणी के अनुरूप विद्यालयों को खोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए देखे गये.
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