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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में बढ़ रहा किसानों का रुझान
सहरसा : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी उपयुक्त साबित हो रही है. बागवानी या अधिक जमीन वाली फसल योजना में किसानों की काफी रुचि बढ़ रही है. हालांकि यह योजना पहले की है, लेकिन सरकार द्वारा इसी वितीय वर्ष में अनुदान की राशि बढ़ाने के बाद इस योजना में कोसी के किसानों […]
सहरसा : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी उपयुक्त साबित हो रही है. बागवानी या अधिक जमीन वाली फसल योजना में किसानों की काफी रुचि बढ़ रही है. हालांकि यह योजना पहले की है, लेकिन सरकार द्वारा इसी वितीय वर्ष में अनुदान की राशि बढ़ाने के बाद इस योजना में कोसी के किसानों का रूझान अधिक बढ़ गया है.
अब तक 30 से अधिक किसान इस योजना के लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. जिला उद्यान विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस योजना के लाभ के लिए विभागीय शर्ते रखी गयी हैं.
किसान उन शर्तों को पूरा करने के लिए एजेंसी से लगातार संपर्क में है. वहीं विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस योजना का लाभ किसान किसी भी सीजन में उठा सकते हैं. यह प्रक्रिया बागवान खेती के अधिक उपर्युक्त है. अधिक जमीन वाले किसान भी अन्य फसल को लेकर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.
प्रधानमंत्री कृषि योजना में दो पद्धति का लाभ उठायेंगे और डीबीटी के माध्यम से खाते में अनुदान जायेगा. पहली विधि छिड़क (स्पिंकलर सिंचाई पद्धति) है. पिछले वर्ष इस योजना पर 50 प्रतिशत ही अनुदान की राशि स्वीकृत थी.
लेकिन इसी वित्तीय वर्ष में सरकार ने 50 प्रतिशत से अनुदान राशि बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस पद्धति में पानी की बर्बादी कम होगी. इस विधि से पानी सीधा पाइप लाइन के जरिए पौधे की जड़ में जायेगा. किसान उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग पानी में मिलाकर कर सकेंगे.
दूसरी विधि ड्रिप सिंचाई पद्धति की है. इस योजना में सरकार ने 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक अनुदान की राशि कर दी है. इस विधि में जमीन के अंदर से पानी की पाइप लाइन पौधे की जड़ में पहुंचेगा, ताकि पानी की बर्बादी नहीं हो. सिंचाई के साथ उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग मिला कर भी किया जा सकेगा.
विभाग ने तय की है शर्तें
विभाग ने किसानों को इस योजना के लाभ के लिए कई आवश्यक शर्ते रखी है. डीबीटी पोर्टल पर किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा. कम से कम 1 हेक्टेयर किसानों को फसल सिंचाई के लिए जमीन चाहिए. किसानों को जमीन का एलपीसी देना पड़ेगा. आधार कार्ड के साथ बैंक खाता की छाया प्रति भी ऑनालाइन जमा करवानी पड़ेगी.
वर्ष 2017-18 में एक भी किसान इसका लाभ नहीं ले सके थे. वर्ष 2017-18 में इस योजना में अनुदान की राशि 50 प्रतिशत रहने के कारण कोसी का एक भी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा सका. वहीं वर्ष 2016-17 में कुछ किसान 16 हेक्टेयर में इस सिंचाई योजना का लाभ उठा सकें.
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