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बच्चों ने दिया िसक्का, िफर भी बंधक बने पिता को नहीं छोड़ा

25 हजार रुपये का थमा दिया था बिल ग्रामीणों ने सांसद से लगायी मदद की गुहार, सांसद ने डीएम से की शिकायत डीएम के एक्शन में आने पर "2000 ले मरीज को किया मुक्त नवहट्टा(सहरसा) : नवहट्टा पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर पांच निवासी बसंत सदा बीते तीन सप्ताह से सहरसा के सत्यम नर्सिंग होम […]

25 हजार रुपये का थमा दिया था बिल

ग्रामीणों ने सांसद से लगायी मदद की गुहार, सांसद ने डीएम से की शिकायत
डीएम के एक्शन में आने पर "2000 ले मरीज को किया मुक्त
नवहट्टा(सहरसा) : नवहट्टा पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर पांच निवासी बसंत सदा बीते तीन सप्ताह से सहरसा के सत्यम नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती था. जहां इलाज तो कर दिया गया, लेकिन नर्सिंग होम के मैनेजर ने 25 हजार रुपये का बिल थमाते हुए कम से कम 22 हजार रुपये जमा करने की बात कही. लेकिन इतनी बड़ी राशि जमा नहीं करने पर मरीज को बंधक बना लिया गया. मरीज के बच्चों द्वारा गांव में चंदा इकट्ठा कर लाए सिक्कों को भी लेने से नर्सिंग होम ने इंकार कर दिया. ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत सांसद से की. सांसद ने डीएम से कहा और डीएम ने तुरंत एक्शन लेते हुए मरीज को नर्सिंग होम से मुक्त कराया.
एक सप्ताह से नर्सिंग होम में बंधक थे पिता बसंत सदा लगभग 20 दिनों से सहरसा के नया बाजार स्थित सत्यम नर्सिंग होम में लिवर का इलाज कराने के लिए भर्ती थे. जहां डॉक्टरों ने बसंत सदा का सही ढंग से इलाज तो कर दिया, लेकिन इलाज के एवज में अस्पताल प्रबंधन ने बसंत सदा के परिजनों को 25 हजार रुपये का बिल थमा दिया. लगभग एक सप्ताह से नर्सिंग होम के मैनेजर रोगी को घर ले जाने की बात कह रहे थे. लेकिन कम से कम 22 हजार रुपये और जमा करने के बाद ही मरीज को छोड़ने का अल्टीमेटम भी साथ दे रहे थे. गरीब बसंत सदा ने उतने रुपये देने में स्वयं को अक्षम बता कुछ फी माफ कर देने की भी गुहार लगायी. लेकिन प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा और वे पूरी रकम की व्यवस्था कर जल्द लाने और फिर मरीज को ले जाने का निर्देश देते रहे. बसंत के छोटे-छोटे बच्चों ने गांव आकर अपने पिता के इलाज के लिए चंदा इकट्ठा किया. अस्पताल में बंधक बने बसंत को छुड़ाने के लिए लोगों ने खुले हाथ से मदद की. चंदे में मिले सिक्कों को लेकर अस्पताल जाने पर अस्पताल प्रशासन
एक सप्ताह से…
ने लेने से इंकार करते हुए उसे नोट बनाकर लाने को कहा. अस्पताल प्रबंधन के बर्ताव से परेशान हो चुके परिजनों ने पंचायत समिति सदस्य कमल नारायण गुप्ता व क्षेत्रीय जिला पार्षद नीतू दास से मदद की अपेक्षा जतायी. पंसस व जिला पार्षद अस्पताल पहुंच कर बंधक बने पीड़ित से मुलाकात की. फिर क्षेत्रीय सांसद पप्पू यादव को फोन पर सभी बातों से अवगत कराया. सांसद पप्पू यादव ने जाप जिलाध्यक्ष अब्दुस सलाम को आर्थिक सहायता देने व डीएम से मिल कर पीड़ित को नर्सिंग होम से शीघ्र मुक्त कराने का निर्देश दिया. जिलाध्यक्ष ने डीएम डॉ शैलजा शर्मा को सभी बातों से अवगत कराया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए नर्सिंग होम प्रबंधन से बात की व भर्ती मरीज बसंत सदा को शीघ्र मुक्त करने का निर्देश दिया.
आश्चर्य की बात तो यह है कि पहले अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से सिक्का लेने से इंकार कर दिया. जबकि उसे कम से कम 22 हजार रुपये लाने की बात कही गयी थी. लेकिन सांसद व डीएम के एक्शन में आते ही मात्र दो हजार रुपये लेकर ही उसे नर्सिंग होम से छोड़ दिया गया. त्वरित कार्रवाई के लिए सांसद पप्पू यादव, जिलाध्यक्ष अब्दुस सलाम, कमल नारायण गुप्ता, जिप सदस्य नीतू दास, शशिभूषण यादव, गौतम कृष्ण एवं पीड़ित परिजन ने डीएम का आभार जताया.

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