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सिक्का नहीं लेने को ले किया सड़क जाम

आक्रोश. सिक्का नहीं लेने के विरोध में उग्र हुए ग्रामीण, िकया प्रदर्शन बैंक जमा नहीं ले रहा, इसलिए हम भी नहीं लेंगे सिक्के नोटबंदी के दौरान बैंकों ने ही बोरा भर-भर दिये थे सिक्के क्वायन डिस्पेंस मशीन नहीं होने व गिनती करने के भय से नहीं ले रहा बैंक सिमरी : कहते हैं सिक्कों की […]

आक्रोश. सिक्का नहीं लेने के विरोध में उग्र हुए ग्रामीण, िकया प्रदर्शन

बैंक जमा नहीं ले रहा, इसलिए हम भी नहीं लेंगे सिक्के
नोटबंदी के दौरान बैंकों ने ही बोरा भर-भर दिये थे सिक्के
क्वायन डिस्पेंस मशीन नहीं होने व गिनती करने के भय से नहीं ले रहा बैंक
सिमरी : कहते हैं सिक्कों की खनखनाहट हर दुकानदार को प्यारी लगती है, क्योंकि सिक्कों के जरिये ही धन और समृद्धि आती है. लेकिन आप इन दिनों भूल से भी सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल अंतर्गत विभिन्न बाजारों के किसी दुकानदार के पास सिक्के लेकर न जाएं. वह सीधे सामान बेचने से इनकार कर देगा और यदि कहीं आपने कानून का हवाला दे दिया तो बहुत मुमकिन है वह आपसे झगड़ बैठे. पिछले कुछ महीने से अनुमंडल या यूं कहें कि पूरे जिले में यह अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी है.
जहां कोई व्यापारी आपसे सिक्का लेने के लिए तैयार नहीं है. वह इसलिए कि यहां के बैंक उससे सिक्का लेने के लिए तैयार नहीं हैं और बैंकों की इस हालत की वजह बतायी जा रही है कि कर्मचारी सिक्के गिनना नहीं चाहते और उसके भंडारण से दूर भागते हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन्हीं बैंकों ने नोटबंदी के दौरान बोरा भर-भर के सिक्के बांटे थे.
एसबीआइ में बेफिक्र हो जमा करें सिक्के
अनुमंडल के व्यवसायी कहते हैं कि सारी समस्या बैंकों से ही शुरू हुई है. जब नोटबंदी हुई तो बैंकों ने लोगों को सिक्कों से भुगतान करना शुरू कर दिया. उस वक्त थोड़े विरोध के बाद अमूमन लोगों ने सिक्के ले लिये क्योंकि और कोई चारा नहीं था. ऐसे में लोगों के पास में सिक्कों की भरमार हो गयी है. हर कोई अपने सिक्के को खपाने की कोशिश में हैं. ग्राहक दुकानदार को सिक्के देने की कोशिश करता है. वह सामान तौलवा लेता है, कपड़े कटवा लेता है. फिर बताता है कि मेरे पास सिक्के हैं. अब दुकानदार की विवशता है कि वह सिक्के ले तो ले, मगर आगे इनका क्या करे. बैंक ले नहीं रहे. ऐसे में अब हर दुकानदार सामान बेचने से पहले पूछने लगा है कि सिक्के तो नहीं हैं न. जानकार बताते हैं कि बैंकों के सिक्के लेने से भागने की सबसे बड़ी वजह सिक्कों की गिनती है. सिमरी में किसी भी बैंक के पास क्वाइन डिस्पेंसिंग मशीन नहीं है. इसलिए गिनने के भय से बैंक कर्मचारी सिक्के को ना करते हैं. दुकानदार कहते हैं कि सिक्के लेने को तैयार हैं. परंतु बैंक वाले भी कैंप लगा कर सिक्के वापस ले लें, अगर यह जल्द नहीं हुआ तो कारोबार करना मुश्किल हो जायेगा.
शिकायत मिली तो कार्रवाई निश्चित : थानाध्यक्ष
अगर किसी भी दुकानदार द्वारा ग्राहकों से सिक्के नहीं लिये जाने की शिकायत मिलती है, तो जांच होगी. शिकायत सही पाये जाने पर कार्रवाई निश्चित है. गुरुवार को दिन भर बख्तियारपुर थाना द्वारा विभिन्न बाजारों में माइकिंग भी करायी गयी है. इसमें सिक्के नहीं लेने पर कार्रवाई की बात कही गयी है.
-उमाशंकर कामत, थानाध्यक्ष, सिमरी बख्तियारपुर
सिक्के के लिए रोड जाम
दुकानदार व कई बैंक द्वारा सिक्का नहीं लेने की वजह से आम उपभोक्ता से लेकर किसान हर रोज कठिनाई का सामना कर रहे हैं. इससे परेशान होकर गुरुवार को सिमरी बख्तियारपुर-सहरसा मुख्य मार्ग में रायपुरा चौक के समीप लोगों ने सड़क जाम कर विरोध जताया. टायर जला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी की. जाम की सूचना पर पहुंचे पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन जाम स्थल पर पहुंचे. ग्रामीणों ने पूर्व जिप उपाध्यक्ष को कहा कि या तो बैंक सिक्का वापस ले या इसके लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जाये. ग्रामीणों ने कहा कि अनुमंडल प्रशासन की ओर से एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाये. ताकि अगर कोई दुकानदार या बैंक वाला आम लोगों से सिक्का लेने से इनकार करे तो वहां शिकायत की जा सके. इसके अलावा जगह-जगह एक और दो रुपये के सिक्के के बंद होने की अफवाह भी उड़ रही है. इसका समाधान तो प्रशासन ही कर सकता है. लेकिन उधर से कोई प्रयास नहीं हो रहा. रितेश रंजन ने एसडीओ सुमन प्रसाद साह, डीएसपी अजय नारायण यादव आदि से बातचीत की और समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालने को कहा. जिसके बाद डीएसपी से मिले आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ. रितेश रंजन ने कहा कि आरबीआइ ने सिक्के पर रोक नहीं लगायी है. फिर भी बाजार में सिक्के का चलन बंद किया जाता है. यह दुकानदारों और बैंक की मनमानी है. यह एक गंभीर मामला है. इसलिए प्रशासन जल्द से जल्द ठोस उपाय निकाले.

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