अव्यवस्था. आंशिक रूप से ही सही, दोनों जगह लगी दुकान
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बस नहीं सका सब्जी बाजार
अव्यवस्था. आंशिक रूप से ही सही, दोनों जगह लगी दुकान मंगलवार सुबह सुपर बाजार का नजारा ही कुछ और था बाजार के उथल-पुथल व बारिश के कारण कम ही थी खरीदारों की संख्या सहरसा : सोमवार को शंकर चौक से सब्जी मंडी को खाली कराने के बाद सब्जी विक्रेताअों में सुपर बाजार में जगह लूटने […]
मंगलवार सुबह सुपर बाजार का नजारा ही कुछ और था
बाजार के उथल-पुथल व बारिश के कारण कम ही थी खरीदारों की संख्या
सहरसा : सोमवार को शंकर चौक से सब्जी मंडी को खाली कराने के बाद सब्जी विक्रेताअों में सुपर बाजार में जगह लूटने की होड़ मची थी. जगह पाने की होड़ को देख ऐसा लग रहा था कि इस बाजार सब्जी बाजार यहां बस गया. लेकिन अगली सुबह सुपर बाजार का नजारा ही कुछ और था. खाली मैदान में गाड़े गये खूंटे वैसे ही पड़े रहे. कहीं कोई सब्जी नहीं. कहीं कोई टोकरी नहीं. कोई भी विक्रेता अपनी घेरी गयी जगह पर छत या पार्टिशन देने के लिए मौजूद नहीं था. सिर्फ जर्जर लोकबाजार के आगे सड़क के किनारे कुछेक सब्जियों की तीन-चार टोकरियां सजी हुई थी. हालांकि बाजार के उथल-पुथल व झीनी-झीनी बारिश होने के कारण खरीदारों की संख्या भी काफी कम ही थी.
दोनों जगह छिटपुट सजी टोकरी: दूसरी ओर शंकर चौक व दहलान चौक पर मंगलवार को भी कुछ सब्जी विक्रेताओं ने अपनी टोकरी सजा रखी थी. हालांकि वहां मौजूद कुछ अन्य विक्रेता भी इसी जुगत में खड़े थे. लेकिन मौजूद मजिस्ट्रेट व पुलिसकर्मी के कारण वे कमजोर पड़ते दिख रहे थे. कुछ टोकरियां आढ़तियों के आगे सड़क छोड़कर भी सजी हुई थी. ग्राहक भी आदतन वहां पहुंचते रहे. लेकिन मंगलवार को पहले की तरह मंडी रौशन नहीं थी. प्रशासन के निर्णय व कार्रवाई के बाद भी सब्जी विक्रेता सुपर बाजार आ तो गये. लेकिन वे यहां बसना नहीं चाह रहे हैं. वे अब भी शंकर चौक वापसी की जुगत में लगे हुए हैं. सब्जी विक्रेता मो तबरेज ने बताया कि प्रशासन ने पहले भी कई बार ऐसा प्रयास किया. लेकिन सफल नहीं हो सका. हर बार दो-चार दिनों के बाद सब्जी बाजार वापस वहीं चला गया. वे इंतजार में हैं कि कब प्रशासन सुस्त होगा और वे भी यहां से चल निकलेंगे.
आढ़त हटाने से ही बनेगी बात: लोगों ने कहा कि शंकर चौक से जब तक आढ़त को खाली नहीं कराया जायेगा. सुपर बाजार में सब्जी बाजार बसाने में परेशानी होगी. क्योंकि वे आढ़तियों से सब्जी खरीद वहीं आसपास बैठ बेचते रहे हैं. बेचने के बाद बचे सामान को वहीं आढ़तियों के पास रखने की भी सुविधा मिलती है. सुपर बाजार में बनाया गया लोकबाजार काफी जर्जर व ध्वस्त हो चुका है. यहां सामान को सुरक्षित रखना संभव नहीं है. रोज घर से उठाकर लाना व बेचने के बाद घर लेकर जाने में परेशानी है. प्रशासन को जर्जर भवन को दुरुस्त करा आढ़त यहां शिफ्ट कराना चाहिए.
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