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बिहार में वंशावली को लेकर बदला नियम, अब सरपंच बनायेंगे और पंचायत सचिव करेंगे निर्गत, जानें कितना लगेगा शुल्क

बिहार में अब ग्राम कचहरी के स्तर से वंशावली तैयार होगी और पंचायत सचिव उसे निर्गत करेंगे. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने उक्त आशय का पत्र जारी किया है. वंशावली प्रमाण-पत्र के लिए साक्ष्य के साथ एक आवेदन पंचायत सचिव को देना है.

पटना. विभिन्न कार्यों में वंशावली की आवश्यकता होती है. सरकार वर्षों से उहापोह में थी कि वंशावली निर्गत करने का अधिकार पंचायत को दिया जाए या ग्राम कचहरी को. कुछ माह पूर्व यह अधिकार पंचायत सचिव को दिया गया था, लेकिन इसमें पेंच फंस जाने के कारण सरकार ने फिर से नया और ताजा आदेश जारी किया है. इसके अनुसार ग्राम कचहरी के स्तर से वंशावली तैयार होगी और पंचायत सचिव उसे निर्गत करेंगे. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने उक्त आशय का पत्र जारी किया है.

शुल्क के साथ देना होगा आवेदन

वंशावली प्रमाण-पत्र के लिए शपथ-पत्र पर अपनी वंशावली का विवरण व स्थानीय निवासी होने से संबंधित साक्ष्य के साथ एक आवेदन पंचायत सचिव को देना है. शुल्क के रूप में 10 रुपये देना है. बिना शुल्क के आवेदन स्वीकार नहीं होगा. पंचायत सचिव शुल्क का प्राप्ति रसीद भी देंगे. सचिव प्रत्येक आवेदन का पूरा विवरण पंजी में संधारित करेंगे. दोबारा वंशावली के लिए 100 रुपया शुल्क निर्धारित किया गया है. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि पंचायत सचिव अधिकतम सात दिनों के अंदर संबंधित आवेदन जांच कर अपनी अनुशंसा के साथ कचहरी सचिव को उपलब्ध करा देंगे. साथ ही उक्त आवेदन की छायाप्रति कार्यालय में सुरक्षित रख लेंगे.

सरपंच की स्वीकृति आवश्यक

कचहरी सचिव उक्त आवेदनों को पंजी में संधारित कर उसे अविलंब सरपंच के पास स्वीकृति को उपस्थापित करेंगे. सरपंच आवेदन की छायाप्रति कराकर किसी बेहतर स्थान पर चिपकाते हुए लोगों से सात दिनों के अंदर आपत्ति (अगर कोई हो) आमंत्रित करेंगे. अगर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुआ, तो संलग्न प्रपत्र में सील व मुहर और हस्ताक्षर के साथ वंशावली निर्गत करेंगे. आपत्ति प्राप्त होने पर सरपंच सार्वजनिक सुनवाई कर समुचित निर्णय लेंगे. वंशावली दो प्रतियों में तैयार कर सरपंच, पंचायत सचिव को वापस करेंगे. फिर सचिव उस पर अपना भी हस्ताक्षर आवेदक को देंगे. बताया गया है कि पंचायत सचिव की अनुशंसा के बाद 15 दिनों के अंदर सरपंच को वंशावली पर अंतिम निर्णय लेने की बाध्यता होगी.

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आवेदन से साथ देना होगा प्रमाण

आवेदन के साथ स्थानीय निवासी का कोई प्रमाण भी देना होगा. जैसे आवेदक के पूर्वज का जमीन का खतियान/बासगीत पर्चा, वोटर लिस्ट में नाम, आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र (जिसमें आवेदक के माता – पिता का नाम पता चलता हो), विवाह प्रमाण-पत्र, मैट्रिक या अन्य कक्षा का प्रमाण-पत्र, इनमें से कोई एक कागजात आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य किया गया है.

Prabhat Khabar News Desk
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