Tourist Place In Bihar: बिहार में अगर स्वर्ग का दीदार करना हो तो चले आइये रोहतास कैमूर पहाड़ियों की गोद में स्थित धुआं-कुंड. यहां हरे-भरे पेड़-पौधे और खूबसूरत वादियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. दरअसल, यहां पहाड़ी से गिरता पानी चट्टानों पर टकराकर बारीक बूंदों में बदल जाता है, जो हवा में तैरकर धुंध का रूप ले लेती है. जिसके बाद यहां का वातावरण भी पूरी तरह ठंडा हो जाता है. चारों तरफ सिर्फ हरियाली ही हरियाली रहती है.
बरसात में बेहद खूबसूरत नजारा
रोहतास जिले का कैमूर पहाड़ी रेंज मानसून में हरे रंग की चादर ओढ़ लेते हैं. यहां का ताजा और ठंडा मौसम बरसाती दिनों में खास आकर्षण का केंद्र बन जाता है. इन पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान बादल इतना नीचे तक आ जाता है मानो आप उसे अपने हाथों से छू सकते हैं. सुबह के वक्त फैला कोहरा वादियों को रोमांचक बना देता है. रोहतास के छोटे-छोटे गांवों में मानसून का रंग एकदम अलग ही होता है.
खूबसूरत वादियां लोगों को करती है अट्रैक्ट
इसके साथ ही गलियों में बहते साफ पानी, बच्चों की बारिश में किलकारियां और मिट्टी की सौंधी खुशबू यहां आने वाले लोगों को अट्रैक्ट करती है. दूसरी तरफ रोहतास के जंगलों और बाग-बगीचों में बारिश के बाद जब सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो पत्तियों पर जमी बूंदें मोतियों की तरह चमक उठती हैं. यह नजारा इतना खूबसूरत होता है कि यहां आने वाले लोग इसे कैमरे में कैद करने से नहीं चूंकते. यहां मानो एक अलग ही दुनिया बसी हो.
पहाड़ी पर पहुंचने का रास्ता कठिन
यहां एक और खास चीज यह है कि जिले के ऊंचे पहाड़ की सबसे ऊपर बसी यह ऐतिहासिक धरोहर शेरगढ़ किला चारों तरफ घने जंगल और प्राकृतिक हरियाली से घिरा हुआ है. हालांकि, पहाड़ी के ऊपर तक पहुंचने के लिए रास्ता कठिन होता है. मानसून के वक्त नजारा बेहद खास और खूबसूरत हो जाता है. धुंध, बादल और टपकते झरने इसे स्वर्ग जैसा रूप दे देते हैं.
बिहार के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में है बसा
जानकारी के मुताबिक, यह जगह बिहार के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में है. इसका जिला मुख्यालय सासाराम है, जो पटना से लगभग 140 किलोमीटर दूर है. पटना से रोहतास पहुंचने के लिए NH-2 और फिर NH-30 का उपयोग किया जा सकता है. सड़क मार्ग से करीब 3 से 4 घंटे की यात्रा तय करने पर यहां पटना से पहुंचा जा सकता है. हालांकि, पटना से सासाराम ट्रेन से भी जाया जा सकता है.

