अभीए त आइल बा प्रत्याशी लोग से पूछे के मोका
सासाराम शहर : अखिलेश नाम का एक आम मतदाता. कल पोस्ट ऑफिस चौराहे पर उम्मीदवारों से हिसाब मांगने की बात कर रहा था. कह रहा था अभीए त आइल बा पूछे के मौका. जिनको जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ जिताया उन्होंने जनता के लिए क्या किया. उसकी कौन सी बात सुनी गयी और किसे अनसुना कर दिया गया. आज जब नगर पर्षद चुनाव सिर पर है, तो जनता ने भी हिसाब मांगना शुरू कर दिया है.
शहर के चौक-चौराहे आज की तिथि में इसी चर्चा से गुलजार हो रहे हैं. चाय की दुकान हो या पान की हर जगह मतदाता अपने वार्ड की समस्याओं के साथ पार्षदों के कार्यों को तौल रहे हैं. वे आकलन कर रहे हैं कि उनका पार्षद पांच साल में उनके लिए कितना कारगर साबित हुआ. या यूं कहें कि मतदाता पांच साल की कसर निकालने की जुगत में जुट गये हैं. वे कहते हैं अभी तो आया है अपने पार्षद से पूछने का मौका कि उन्होंने उनके लिए या वार्ड के लिए क्या किया. मतदाताओं का कहना है जीत जाने के बाद वे किसी की कहां सुनने वाले हैं. फिर तो अपनी मरजी का ही करेंगे. ऐसे में अभी वह समय आया है जब उनसे उनके किए का हिसाब पूछा जाए. यही नहीं जीतने के बाद वे क्या करेंगे इसका भी आकलन कर लिया जाए.
मतदाताओं ने बना लिया मन किसको देंगे वोट:हालांकि, ऐसा भी नहीं कि मतदाताओं ने पार्षद का चयन नहीं किया है. वे मन बना चुके हैं कि इस बार किसको वोट देना है और किसको नहीं. गौर करने लायक बात यह है कि शहर की नुक्कड़ों पर जम रही महफिल में मतदाता एक दूसरे की टोह भी ले रहे हैं. बताया जाता है कि जहां जिस वार्ड में ज्यादा प्रतिद्वंद्वी हैं वहां हिचक थोड़ी ज्यादा है, तो जहां कम हैं वहां कम.
चहेते पार्षद की जमीन तलाश रहे समर्थक: मतदाता ही क्यों पार्षदों के खास लोग भी इस भीड़ में शामिल होकर अपने चहेते पार्षद की जमीन तलाश रहे हैं. ये आम मतदाताओं से मिल कर उनके मन की बात निकालने के लिए विभिन्न तरह के तरकीब अपना रहे हैं. फिर शाम को पार्षद की महफिल में जाकर इसकी रिपोर्ट कर रहे हैं फलां व्यक्ति किसके साथ है और इस बार उसका वोट किस उम्मीदवार को जा रहा है.
बदलनी चाहिए नप की तसवीर: लोगों का कहना था नगर पर्षद की तसवीर बदलनी चाहिए. काम भी होना चाहिए. यह नहीं कि सुविधाओं के नाम पर जनता के पैसों की लूट मचाएं. एक मतदाता का कहना था होल्डिंग टैक्स की ही बात करें तो नप ने जनता पर थोप दिया व प्रतिनिधियों ने मुंह तक नहीं खोला.