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दवा नहीं, स्प्रे मशीन बेकार
चिंता. जलजमाव के बाद शहर में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप मलेरिया विभाग से नगर पर्षद को नहीं मिल रही दवा सासाराम (शहर) : नगर पर्षद क्षेत्र के नागरिकों को सुविधा देने के लिए कितना तत्पर है इसकी बानगी है यहां रखी स्प्रे मशीन. हालांकि, यह स्प्रेे मशीन कब की है यह बताने वाला कोई नहीं. […]
चिंता. जलजमाव के बाद शहर में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
मलेरिया विभाग से नगर पर्षद को नहीं मिल रही दवा
सासाराम (शहर) : नगर पर्षद क्षेत्र के नागरिकों को सुविधा देने के लिए कितना तत्पर है इसकी बानगी है यहां रखी स्प्रे मशीन. हालांकि, यह स्प्रेे मशीन कब की है यह बताने वाला कोई नहीं. लेकिन, इतना जरूर है कि दवा रहने पर इन मशीनों से स्प्रे करने से लोगों को मच्छरों के प्रकोप से राहत मिलती. दवा क्यों नहीं आयी. यह किसकी जिम्मेवारी है. इस पर हर तरफ चुप्पी है़ पार्षद भी इस पर अावाज नहीं उठाते़ गौरतलब है कि काफी बारिश के बाद शहर का शायद ही कोई एेसा वार्ड होगा जहां जलजमाव न हो़ जहां जलजमाव नहीं है, वहां नालियां बजबजा रही हैं.
सदर अस्पताल, पशुपालन अस्पताल, गौरक्षणी के चारों वार्ड, शहर के पूर्वी क्षेत्र आदि में जलजमाव है. इसमें मच्छर पनप रहे हैं. मच्छरों के प्रकोप से आये दिन लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. यह बात सभी जान रहे हैं. बावजूद इसके मच्छर रोधी दवा नगर पर्षद ने अभी तक नहीं खरीदी.
राेज पहुंच रहे मलेरिया के सात-आठ मरीज
शहर में मलेरिया के मरीज बढ़े हैं. इसका मुख्य कारण ठहरे हुए पानी में मच्छरों का पनपना है. मच्छरों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. सदर अस्पताल में वैसे तो कोई आंकड़ा नहीं है. लेकिन, डॉ एसबी सिंह की माने तो प्रतिदिन सात-आठ मरीज मलेेरिया के लक्ष्णों वाले आ ही जा रहे हैं. सदर अस्पताल में जब सात-आठ मरीज आ रहे हैं, तो निजी क्लीनिकों की हालत क्या होगी. इसका अनुमान लगाया जा सकता है. इसके बावजूद नगर पर्षद इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.
दवा के लिए देख रहे एक-दूसरे का मुंह
नगर पर्षद के अधिकारी मच्छर रोधी दवा की खरीद करने से परहेज कर रहे हैं. इसके पीछे कारण क्या है. इसका पता करना मुश्किल है. लेकिन, इओ व अध्यक्ष की बातों से स्पष्ट है कि दवा खरीदने में कुछ न कुछ झोल है. कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि दवा छिड़काव के लिए स्प्रे मशीन की बात करने पर कोई तैयार नहीं हो रहा. जबकि, मुख्य पार्षद नजमा बेगम ने कहा कि दवा के लिए मलेरिया विभाग के गया कार्यालय को पत्र लिखने को कहा गया था. दवा आने पर स्प्रे मशीन से उसका छिड़काव कराया जाता. दोनों की बातों से लगता है कि इस वर्ष न दवा आयेगी और न मशीन चलेगी. लोगों को मच्छरों के प्रकोप से निजात भी नहीं मिलेगा.
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