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अस्पताल है, पर दवा नहीं
जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के अभाव का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीजों को अस्पताल में दवाएं नहीं मिल रही है. उन्हें बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है. साधारण मर्ज के मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है. इससे मरीजों को आर्थिक व शारीरिक क्षति हो रही है. साधारण […]
जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के अभाव का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीजों को अस्पताल में दवाएं नहीं मिल रही है. उन्हें बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है. साधारण मर्ज के मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है. इससे मरीजों को आर्थिक व शारीरिक क्षति हो रही है.
साधारण मर्ज के मरीजों को भी कर दिया जाता है रेफर
शारीरिक व आर्थिक रूप से हो उठानी पड़ रही क्षति
सासाराम(सदर) : जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के अभाव का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का विभागीय दावा खोखला साबित हो रहा है.
मुफ्त इलाज की उम्मीद लिये जिले के कोने-कोने से आये मरीजों को साधारण मर्ज होने पर भी दवाओं के अभाव में चिकित्सक बाहर रेफर कर देते हैं, जिससे मरीजों को शारीरिक व आर्थिक क्षति हो रही है. पहले से ही चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी झेल रहे अस्पतालों में दवाओं की घोर किल्लत से मरीजों को परेशानी बढ़ती ही जा रही है. सदर अस्पताल में 33 दवाओं में से सिर्फ 11 दवाएं ही उपलब्ध पाये गये. वो भी ज्यादातर सर्दी, खांसी, जुकाम, दर्द व दस्त की है.
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