सासाराम : जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसलिए, पृथ्वी पर मनुष्य के अस्तित्व के लिए पानी ही मूलभूत आवश्यकता है. लेकिन, इसकी सबसे अधिक प्राथमिकता के होने के बावजूद, संबंधित विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खामियाजा नगर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
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दो दिनों से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग
सासाराम : जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसलिए, पृथ्वी पर मनुष्य के अस्तित्व के लिए पानी ही मूलभूत आवश्यकता है. लेकिन, इसकी सबसे अधिक प्राथमिकता के होने के बावजूद, संबंधित विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खामियाजा नगर के लोगों को भुगतना पड़ […]
नगर के लोग पिछले दो दिनों से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. कब तक उन्हें पीने का शुद्ध पानी नसीब होगा, इसका कोई आसार नहीं दिख रहा है. इस समस्या को लेकर किसी भी संबंधित अधिकारी के पास सटीक जवाब नहीं है, चाहे पीएचइडी के अधिकारी व जेइ हों, या नगर पर्षद के अधिकारी, दोनों विभागों के अधिकारी समस्या का समाधान करने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं.
आलम यह है कि शहर में पिछले दो दिनों से पानी की आपूर्ति बिल्कुल बंद है, जिसका कारण पीएचइडी के पंप कंट्रोल रूम में गंदे नाले का पानी जमा होना है. नाले के पानी के अलावा पिछले दो दिनों में हुई बारिश का पानी भी कंट्रोल रूम में भर गया है, जिससे मोटर चलाने में मुश्किल हाे रही है. अॉपरेटरों के अनुसार ऐसी स्थिति में मोटर चलाने से मोटर खराब हो सकता है या जल सकता है, जो पानी आपूर्ति ठप होने का मुख्य कारण बताया जा रहा है.
जमा पानी निकालने का नहीं है कोई साधन
शहर में जलापूर्ति सेवा ठप होने के कारण की पड़ताल करने के लिए जब पीएचइडी के लोग पहुंचे, तो देखा कि विभाग के सारे कर्मचारी एक दूसरों से बात करते हुए बैठे हैं. एसडीओ व जेइ भी कार्यालय मे नहीं मिले, जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पाया. विभाग के कर्मियों से उक्त अधिकारी व समस्या के बारे में पूछा गया, तो उक्त कर्मचारियों ने कहा कि साहब कहां गये हैं, इसकी जानकारी हमलोगों को नहीं है. शायद मीटिंग में हों. रही बात जलापूर्ति की, तो पंप कंट्रोल रूम में गंदे पानी का जमाव हो गया है. इस जमे गंदे पानी को निकालने के लिए कोई साधन नहीं है.
पानी के लिए मचा हाहाकार
दो दिनों से शहर में पानी की सप्लाई बंद होने से लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पीएचइडी या नप प्रशासन टैंकर से पानी की व्यवस्था भी नहीं कर रही है, लिहाजा लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. अब लोगों को चापाकलों का सहारा लेना पड़ रहा है.
लेकिन, चापाकलों पर भी लंबी लंबी कतारें लगायी जा रही हैं, जिससे लोग परेशान हैं. शहर के जानी बाजार, गुरुद्वारा रोड़, खिलड़ीघाट, चौक बाजार, नवरत बाजार, गोला बाजार, हनुमानगढ़ी, सपुलागंज, शहलालपीर आदि मुहल्लों में पानी को लेकर लोग परेशान हैं.
पीएचइडी के पंप कंट्रोल रूम में पानी भर जाने से शहर में पानी की आपूर्ति बंद तो कर दी गयी है. लेकिन, इस समस्या के प्रति संबंधित विभाग के अधिकारी या जेइ कोई भी गंभीर नहीं हैं. शहर के कई लोगों का कहना है कि कंट्रोेल रूम में पानी भर जाने से मोटर के जलने जाने व खराब होने के डर से शहर में पानी की आपूर्ति बंद कर दी गयी है, यह उचित भी है. लेकिन, इस समस्या का कोई समाधान भी तो होना चाहिए.
बरसात का पानी पंप कंट्रोल रूम में भर गया है, तो उक्त पानी को निकाला भी जा सकता. लेकिन, पीएचइडी उक्त रूम से पानी निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है. यह निंदनीय व गलत है. इस समस्या का हल किसी भी प्रकार से पीएचइडी को करना चाहिए, जिससे शहर के लोगों को पानी उपलब्ध हो सके.
भगवान पर निर्भर जलापूर्ति सेवा
पीएचइडी के पंप कंट्रोल रूम में पानी भर जाने के कारण शहर में दो दिनों से जलापूर्ति सेवा ठप तो है. लेकिन, यह जलापूर्ति कब शुरू होगी, इसका कोई आसार नहीं दिखता है, क्योंकि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उक्त पानी के निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. विभाग के अधिकारी, जेई, अॉपरेटर, कर्मचारी आदि लोग उक्त रूम से स्वयं पानी निकलने व सूखने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में पानी की आपूर्ति पुन: कब शुरू होगी, अब तो भगवान पर ही निर्भर है.
क्या कहते हैं लोग
शहर में पानी की आपूर्ति दो दिनों से बंद है. जिससे मुहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पानी के लिए हैंडपंप का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन यहां भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
अमित कुमार
पीएचइडी की लापरवाही से लोगों को पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विभाग सिर्फ जलापूर्ति के नाम पर खानापूर्ति करता है. शहर के कई जगहों पर फटे पाईप देखे जा सकते हैं, जिनसे पानी बर्बाद होता है.
राजेन्द्र सिंह
दो दिनों से पानी की सप्लाई बंद है, जिससे पानी के लिए लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. समाधान शीघ्र नहीं हुआ, तो पानी के लिए संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा.
अखिलेश मिश्रा
शहर में पानी की आपूर्ति की स्थिति काफी दयनीय है. कभी जगह पर पानी बर्बाद हो जाता है, तो कई जगहों पर पानी पहुंचता भी नहीं. इसका संरक्षण करने वाला पीएचइडी सिर्फ खानापूर्ति करता है, लोग पानी को लेकर परेशान रहते हैं.
राघवेंद्र विमल
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