प्रदेश सरकार कर्मचारियों को नहीं दे रही वाजिब हक
सासाराम सदर : विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, बिहार राज्य अराजपत्रिक कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) व बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ (बेएसा) ने संयुक्त रूप से मशाल जुलूस निकाला. इसका नेतृत्व महासंघ के जिला मंत्री मनोज कुमार, महासंघ गोपगुट के जिला मंत्री ललन सिंह व महासंघ बेएसा के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने संयुक्त रूप से ही किया. मशाल जुलूस समाहरणालय परिसर से शुरू होकर जीटी रोड होते हुए अनुमंडल कार्यालय, सिविल कोर्ट, कोषागार कार्यालय, निबंधन कार्यालय तक पहुंचा. फिर पुन जुलूस समाहरणालय परिसर में आकर सभा में तब्दील हो गया.
सभा के संम्बोधन करते हुए तीनों कर्मचारी महासंघों के जिला मंत्री व अध्यक्षों ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों को वाजिब हक देने में आना कानी कर रही है. सातवां वेतनमान वास्तविक रूप से एक जनवरी 2016 से न देकर कर्मचारियों के साथ धोखा धड़ी कर रही है. संविदा पर नियुक्त कर्मीयों की सेवा नियमित नहीं कर रही है. समान काम के समान वेतन के सिद्धांत को ताक पर रख कर न्यूनतम वेतन 18000 रुपये देने व नयी पेंशन योजना को समाप्त करने सहित वेतन की भुगतान भी विलंब से करती है. जो निंदनीय है.
वही प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने 29 व 30 जून को सांकेतिक हड़ताल में करने की आह्वान किया. मौके पर सईद आलम, उदय शंकर तिवारी, जितेन्द्र कुमार, मो हसनैन, रंजन कुमार, रामेश्वर सिंह, नरेन्द्र कुमार, अरुण कुमार सिंह, रविशंकर तिवारी, मंजीत कुमार, आकाश कुमार, शिवपूजन साह, दीपक कुमार, रितेश कुमार आदि उपस्थित थे.