मुख्य तथ्य
Rail Bridge: बेगूसराय. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से सिद्धि लक्ष्य के तहत न केवल देश विकास की नयी ऊंचाई पर पहुंच रहा है, बल्कि आधारभूत संरचना और अर्थव्यवस्था में मजबूती के उपाय करने के साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी कार्य किये जा रहे हैं. पूरे देश के साथ बिहार का महत्वपूर्ण अंग बेगूसराय काफी तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है. बेगूसराय ना केवल बिहार को एक नयी पहचान और दिशा देगा, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी देश में नयी मिसाल कायम करेगा. उद्घाटन के बाद सिमरिया गंगा नदी पर बने राजेंद्र पुल के एक ओर सिक्स लेन सड़क पुल पर सरपट दौड़ते वाहन जहां विकास की नयी कहानी लिख रहे हैं, तो दूसरी ओर डबल लाइन रेल पुल भी जल्द ही बनकर विकास की पटरी पर सरपट दौड़ेगी.
पूर्वोत्तर भारत का संपर्क होगा सुदृढ़
इस पुल के बन जाने से ना केवल पूर्वोत्तर भारत का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क सुदृढ़ हो जायेगा, बल्कि भारतीय सेना के जवान को भी पूरी तैयारी के साथ तेज गति से चीन की सीमा पर पहुंचने में आसानी होगी. आजादी के बाद देश में गंगा नदी पर सबसे पहले बने राजेंद्र सेतु के समानांतर गंगा नदी में निर्माण हो रहे दो लेन रेल पुल अगले वर्ष 2026 के अंत तक बनकर तैयार हो जाने की पूरी संभावना है.
खास बातें
- पूर्वोत्तर भारत का संपर्क होगा सुदृढ़
- 2026 के अंत तक बनकर हो जायेगा तैयार
- 01.86 किमी लंबे पुल का निर्माण कार्य
1700 करोड़ से बन रहा डबल ट्रैक रेल पुल
बताया गया कि डबल ट्रैक रेल पुल का निर्माण के दौरान इसकी मजबूती के साथ-साथ इन दिनों तेज गति से चलने वाली वंदे-भारत व नमो भारत समेत हाइ स्पीड में चलने वाली अन्य ट्रेनों को ध्यान में रखकर निर्माण किया गया है. इस्ट सेंट्रल रेलवे ने 01.86 किमी लंबा लगभग 1700 करोड़ की लागत से निर्माण होने वाले उक्त पुल निर्माण कार्य का जिम्मा दिसंबर 2018 में मुंबई की एजेंसी एफकाॅन इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया था. कोरोना और गंगा नदी में हर वर्ष आने वाली बाढ़ समेत अन्य समस्याओं की वजह से उक्त पुल का निर्माण कार्य पूरा होने की निर्धारित तिथि कई बार फेल हो चुकी है. अब अगले वर्ष 2026 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा होने की पूरी संभावना है.
सुपर स्ट्रक्चर में लगेगा 20 हजार टन स्टील
जानकारी के अनुसार सिमरिया-हाथीदह दो लेन रेल पुल के निर्माण में केवल सुपर स्ट्रक्चर निर्माण में करीब 20 हजार मेट्रिक टन स्टील का उपयोग होगा. वेल फाउंडेशन ढांचा पर आधारित पुल का 18 पाया जमीन से 65-70 मीटर गहरायी पर है. इसमें 17 स्पेन हैं, जिसमें 32 मीटर के दो, 123 मीटर के 13 एवं 110 मीटर के एक स्पेन हैं. वहीं 123 मीटर का स्पेन एक हजार 450 मेट्रिक टन क्षमता का है.
अब सिंग्नल का इंतजार नहीं
गंगानदी पर राजेंद्र पुल के समानांतर निर्माण हो रहे हाथीदह-सिमरिया डबल ट्रैक रेल पुल पर अब अगले वर्ष 2026 के अंत तक एक साथ दो-दो ट्रेनें दौड़ने के साथ सिमरिया में उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली गंगा नदी पर एक साथ तीन-तीन ट्रेनें दौड़ेंगी. इसमें नवनिर्मित डबल ट्रैक रेल पुल के अलावा राजेंद्र सेतु के एक लेन रेल ट्रैक पुल भी शामिल है. विदित हो कि निर्बाध रेल परिचालन को लेकर ही पिछले तीन वर्षों से राजेंद्र सेतु के रेलमार्ग की मरम्मत की जा रही है. वहीं हाथीदह-सिमरिया डबल ट्रैक रेल पुल चालू हो जाने से अब रेल यात्रियों को सिंगल रेल ट्रैक वाले राजेंद्र पुल के रेल मार्ग से गुजरने के लिए सिग्नल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
मालवाहक ट्रेनों की संख्या में भी होगी वृद्धि
पुल निर्माण के बाद ट्रेनों की रफ्तार के साथ ही आवागमन की सुविधाओं के साथ मालवाहक ट्रेनों की संख्या में भी वृद्धि हो जायेगी. बताया गया कि इस रूट से कई ऐसी ट्रेनें भी चलायी जायेंगी, जिसे राजेंद्र सेतु के सिंगल रेल ट्रैक को व्यस्त रहने की वजह से अन्य रूट से चलायी जा रही है. इधर पुल निर्माण के साथ इसके दोनों ओर नजदीक वाले स्टेशनों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है. इसमें राजेंद्र पुल के दोनों ओर हाथीदह जंक्शन, औंटा, रामपुर, डुमरा व सिमरिया में राजेंद्र पुल स्टेशन शामिल हैं. उम्मीद है कि पुल निर्माण के साथ ही उक्त सभी स्टेशनों का भी उद्घाटन किया जायेगा.
अभी दोनों ओर रुकी रहती हैं ट्रेनें
अभी राजेंद्र सेतु के रेल मार्ग में सिंगल रेल ट्रैक रहने के कारण बरौनी से राजेंद्र पुल स्टेशन तथा औंटा और रामपुर-डुमरा के बीच आउटर पर ट्रेन को खड़ा करना पड़ता है. इससे ट्रेन में सवार यात्रियों एवं रेलवे को बेवजह समय गंवानी पड़ती है. इस पुल का निर्माण हो जाने से ट्रेन को बेवजह रुकने एवं समय की बर्बादी से मुक्ति मिल जायेगी. इसके लिए औंटा टाल एवं रामपुर डुमरा मिलाकर नौ किलोमीटर लंबे एप्रोच पथ, तीन जगह आरओआर (रेल लाइन के ऊपर रेल पुल) हाथीदह जंक्शन, औंटा एवं रामपुर के पास निर्माण के अलावा कुल आठ मंझोले स्तर के पुल-पुलिया का भी निर्माण चल रहा है. हाथीदह में एनएच-80 पर एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) का निर्माण तथा दो जगह आरओबी (रेल ऊपरी ब्रिज) हाथीदह जंक्शन एवं औंटा के पास बन रहा है.
राजेंद्र पुल स्टेशन पर बन रहे हैं तीन प्लेटफॉर्म
राजेंद्र पुल स्टेशन पर कुल पांच रेल ट्रैक व तीन प्लेटफॉर्म के निर्माण के साथ दो फुट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. छह सौ मीटर लंबे प्लेटफॉर्म पर एक सौ मीटर लंबा एवं नौ मीटर चौड़ा दो मंजिला स्टेशन भवन का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा स्टेशन परिसर में ही स्टॉल, फूड प्लाजा, कॉम्प्लेक्स, दुकानें, एटीएम, शेड, पर्याप्त प्रकाश, यात्रियों को सामान चढ़ाने के लिए रैम्प (स्लोपिंग सीढ़ी) एवं पार्किंग आदि भी बनेगा.
हाथीदह में ऊपरी ट्रैक पर बनेंगे चार प्लेटफॉर्म
दो लेन रेल पुल के साथ-साथ हाथीदह जंक्शन के ऊपरी रेल ट्रैक पर आधुनिक सुविधाओं से लैस चार सौ मीटर लंबा चार रेल ट्रैक (प्लेटफॉर्म) का निर्माण भी होगा. इसमें दो रेल ट्रैक मेन लाइन होगा, जबकि दो रेल ट्रैक लूप लाइन भी होगी. प्लेटफॉर्म पर चढ़ने के लिए लिफ्ट की सुविधाएं सहित सभी अत्याधुनिक सुविधाएं रहेंगी. वर्तमान में हाथीदह जंक्शन के तीन नंबर प्लेटफाुर्म पर एक ही रेल ट्रैक एवं कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं रहने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही तीन नंबर प्लेटफॉर्म से गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेन को हाथीदह जंक्शन की मेन लाइन पर आरओआर रहने के कारण दो बार रुकनी पड़ती है.
क्या है डबल ट्रैक रेल पुल निर्माण की वर्तमान स्थिति
हाथीदह-सिमरिया डबल ट्रैक रेल पुल निर्माण के साथ-साथ अब उस पर रेल ट्रैक बिछाने तथा इलेक्ट्रिक से जुड़े कार्य किये जा रहे हैं. पुल निर्माण से जुड़े अधिकारी ने बताया कि 18 पीलर वाले डबल ट्रैक रेल पुल निर्माण लगभग 90 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है. अब महज एक 12 नं. पिलर का निर्माण व उस पर सुपर स्ट्रक्चर लांचिंग करने का कार्य शेष रह गया है. इसे दो माह के भीतर हर हाल में पूरा कर लिया जायेगा.
दोनों लेन पर रेल ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा
पुल निर्माण के साथ-साथ पुल के हाथीदह सिरे से पुल के ए-1 पीलर से 11 नं. पीलर तक पुल के दोनों लेन पर रेल ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है. जल्द ही पुल के बेगूसराय सिरे से 18 नं. पिलर से 12 नं. पीलर तक रेल ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू हो जाने के साथ इलेक्ट्रिक व केबल लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. पुल निर्माण के बाद ट्रायल सीआरएस के बाद इस पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.
Also Read: Bihar Bhumi: रक्सौल में बेतिया राज की जमीन पर 32700 लोगों का कब्जा, सरकार ने दिया खाली करने का आदेश

