मतगणना :
खुलेगा जादुई पिटारा और सामने आयेगी पूर्णिया की सही तस्वीर
आज दोपहर तक हो जायेगा 69 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें तेज आंखों से गायब हो गयी नींद
पूर्णिया. मतदान खत्म होने के बाद से दम साधे पूर्णियावासियों को मंगलवार का बेसब्री से इंतजार है जब लोकतंत्र का जादुई पिटारा खुलेगा और नतीजे आने के साथ ही पूर्णिया की सातों सीटों की सही तस्वीर सामने आयेगी. इसी के साथ चुनावी नतीजे को लेकर चल रही अटकलों-अनुमानों की दुकानें भी बंद हो जायेंगी. कसौटी पर चढ़ेंगे एक्जिट पोल और सर्वे के आंकड़े और इवीएम से बाहर आयेगी नेताजी की किस्मत. मगर, यह सवाल अब तलक खड़ा है कि कौन पहनेगा पूर्णिया का ताज और किसका होगा सूपड़ा साफ. किसकी होगी जीत और कौन किसको कितने मतों से करेगा परास्त. अब तक पूरी तरह आश्वस्त रहे प्रत्याशियों के दिलों की धड़कने भी तेज हो गयी हैं.गौरतलब है कि पूर्णिया जिले की सात विधानसभा सीटों के लिए 14 नवम्बर को 20 लाख 93 हजार 212 वोटरों ने अपने लोकतंत्र के अधिकार का बटन दबाया था जिसकी गिनती शुक्रवार 14 नवंबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी और यही वजह है कि अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर प्रत्याशियों के मन भी सवालों से भर उठे हैं. कितने वोटरों ने प्यार किया तो कितने वोटरों ने बेरुखी दिखायी. किसने कितनी कैंची चलायी तो चुनाव पूर्व खेले गये दांव किस हद तक निशाने पर बैठे. आशा और आशंकाओं के बीच पूर्णिया की फिजां में ढेर सारे सवाल तैर रहे हैं जिसमें कहीं छटपटाहट तो कहीं बेचैनी का आलम है. प्रत्याशियों में बेचैनी तो है ही पर वे नेता भी कम बेताब नहीं हैं जिनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.उन्हें यह सवाल साल रहा है कि उनकी पार्टी या गठबंधन के साझा उम्मीदवार कितने वोटों से आगे रहे या फिर कितने से फिसल गये. कार्यकर्ताओं की परेशानी यह है कि कहीं उनकी मेहनत व्यर्थ हो गयी तो उनका अपना भविष्य क्या होगा. अलबत्ता पूर्णिया कॉलेज और जिला स्कूल स्थित वज्रगृह पर सवालिया निगाहें टिकाए आम लोगों की उत्कंठा भी पराकाष्ठा पर है. आमलोगों की दिलचस्पी इस बात में ज्यादा है कि कौन होगा पूर्णिया का भविष्य जो विकास का दीप जलाकर पूर्णिया में अमन चैन का माहौल कायम रख सकेगा.
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